सिने संन्यासी के इस एपिसोड में बात एक ऐसी फ़िल्म के बारे में जो सर्वकालिक मानव सभ्यता के एक सबसे विकसित विचार को दर्शाती है. ये है, 1957 में रिलीज़ हुई हिंदी फीचर 'दो आंखें बारह हाथ' जिसे बनाया था डायरेक्टर वी शांताराम ने. इस फिल्म में सिनेमाई प्रयोग भी थे, सुंदर मैसेज भी था और मनोरंजन भी था. गजेंद्र सिंह भाटी से सुनें, क्यों 'दो आंखें बारह हाथ' उनकी सबसे पसंदीदा फ़िल्मों में से है. साथ ही, इस पॉडकास्ट के आरंभ में ज़िक्र अमेरिकी वेब सीरीज 'द एलियनिस्ट' का भी. और भी अनूठी फ़िल्मों का ज़िक्र.
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