"शिवबोध पॉडकास्ट"
पॉडकास्ट में सम्मिलित विषय हैं:
•
गंगा का देवत्व और उनसे मिलने वाले आध्यात्मिक लाभ (स्वामी श्री भारती तीर्थ जी महाराज के लेख के अंश)।
•
गंगाजल को औषधि के रूप में देखना ('औषधं जाह्नवीतोयम्') (स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के लेख के अंश)।
•
गंगा और अन्य पवित्र नदियों के प्रदूषण पर चिंता और सनातन धर्म सम्मत जीवन शैली अपनाने का आह्वान (स्वामी श्री निश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज के लेख के अंश)।
•
राजर्षि भगीरथ का वैराग्य और तत्वज्ञान, (स्वामी श्रीकरपात्रीजी महाराज के लेख के अंश)।
हमारा जनसंदेश है गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि एक जीवंत देवी, एक गहरी आध्यात्मिक शक्ति और भारतीय संस्कृति की आधारशिला हैं। शिवबोध के दृष्टिकोण से, माँ गंगा भगवान शिव की जटाओं से ज्ञान और करुणा की धारा के रूप में पृथ्वी पर आई हैं और साक्षात् ब्रह्मद्रव हैं।
यह पॉडकास्ट, विशेष रूप से गंगा दशहरा जैसे अवसर पर, श्रोताओं को गंगा को स्वच्छ और अविरल रखने के अपने वास्तविक कर्तव्यों का बोध कराने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है ।
अवश्य सुनिये।
शिवबोध पॉडकास्ट के इस अंक में, हम भारतीय सभ्यता और आध्यात्मिकता की जीवनरेखा, माँ गंगा के दो महत्वपूर्ण पहलुओं को गहराई से समझेंगे। एक ओर, हम उनके दिव्य स्वरूप और अतुलनीय पौराणिक महत्व को जानेंगे - कैसे वे साक्षात देवी हैं, पापों को नष्ट करने वाली हैं, और कैसे उनका संबंध भगवान शिव से है। दूसरी ओर, हम उनकी वर्तमान भौतिक स्थिति की कड़वी सच्चाई का सामना करेंगे - प्रदूषण की गंभीर चुनौती, इसके मुख्य स्रोत (घरेलू और औद्योगिक सीवेज) और मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन में आने वाली बाधाएं।
इस एपिसोड में, हम गंगा को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक समाधानों और रणनीतियों पर भी चर्चा करेंगे, जैसे कि पर्याप्त जल प्रवाह बनाए रखना, सीवेज प्रबंधन के नए तरीके, उपचारित जल का पुनः उपयोग, औद्योगिक नियमों का कठोर प्रवर्तन और वित्तपोषण की चुनौतियाँ। गंगा की पवित्रता केवल धार्मिक नहीं, बल्कि हमारे जीवन और भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह एपिसोड आपको गंगा के आध्यात्मिक महत्व और उनकी वर्तमान स्थिति के 'बोध' की ओर ले जाएगा।
क्या विवाह के माध्यम से एकीकरण संभव है?
वेदों में सभी मानवों के लिए ज्ञान का प्रावधान है और शिक्षा भी समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। इस एपिसोड में, आचार्य भक्तिपुत्र जी ने शारीरिक अहंकार और आत्म-श्रेष्ठता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में सभी को समान माना जाता है और कोई भी अपने आप को श्रेष्ठ नहीं मान सकता। हमें सदाचरण करते हुये परोपकार की भावना से सभी का कल्याण करना चाहिये । क्या आप इस पॉडकास्ट को सुनकर अपने विचारों को साझा करना चाहेंगे?
हमें अपने विचार जरूर भेजें!
शिवबोध के इस विशेष अंक में, हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ज्ञानवर्धक और रोचक चर्चा, जो आपको प्राचीन भारतीय काल गणना, जिसे वैदिक काल गणना के नाम से भी जाना जाता है, की गहराइयों में ले जाएगी। इस एपिसोड में, हमें परम श्रद्धेय आचार्य भक्तिपुत्र रोहतम जी का सानिध्य प्राप्त हुआ है, जिन्होंने समय की इस जटिल और अद्भुत अवधारणा को सरल भाषा में समझाया है।
आज जब हम आधुनिक घड़ियों और कैलेंडरों का उपयोग करते हैं, तो यह जानना दिलचस्प है कि हमारे पूर्वजों ने समय को कैसे मापा और समझा। वैदिक काल गणना न केवल एक प्राचीन प्रणाली है, बल्कि यह खगोल विज्ञान, गणित, और दर्शन का एक अनूठा संगम भी है। यह हमें ब्रह्मांड, पृथ्वी और मानव जीवन के बीच के संबंधों को समझने में मदद करता है।
Kawach Paath: Experience the transformative power of the Kawach Paath, a powerful protection chant.
Whether you're a seasoned devotee or new to the spiritual path, Shivbodh Avikalp's Durga Saptashati recording offers a profound and uplifting experience. Immerse yourself in the divine vibrations of this sacred text and invite the blessings of the Divine Mother into your life.
Join renowned spiritual leader ShivBodh on a weekly exploration of shraddha (devotion) and the power of rituals within the Shiv Shakti tradition. Each episode offers profound insights, practical guidance, and inspiring stories to deepen your spiritual practice and connect with the divine.