होली प्रेम और श्रृंगार का प्रतीक है...प्रेमचंद जी ने किस खूबसूरती के साथ विरह के बाद प्रेम को होली के साथ जोड़ा, इसका अन्दाजा तो ये कहानी सुनकर ही लगाया जा सकता है।
मुंशी प्रेमचंद की बेहतरीन कहानियों में से एक - बड़े भाई साहब। कम से कम मैं तो अपने बचपन के दौरान इसमें से बहु कुछ देख चुका हूं... पेश है, दूसरा और अंतिम भाग।
मुंशी प्रेमचद की बेहतरीन कहानियों में से एक - बड़े भाई साहब। कम से कम मैं तो अपने से बड़ों में अपने बचपन के दौरान इसमें से बहुत कुछ देख चुका हूं...पेश है, पहला भाग !
दूसरा और अंतिम भाग, सुनिए... आज भी हमारी सोच दशकों पुरानी ही है। प्रेमचंद की ये कहानी साबित करती है कि भले ही वक्त बदल गया हो, फिर भी फॉर्मेट ही बदले हैं...लोगों की सोच बदली हो! ये कहना मुश्किल है।
सुनिए आज भी हमारी सोच दशकों पुरानी ही है। प्रेमचंद की ये कहानी साबित करती है कि भले ही वक्त बदल गया हो, फिर भी फॉर्मेट ही बदले हैं...लोगों की सोच बदली हो! ये कहना मुश्किल है।
महाजन के चंगुल में फंसे किसान की आप बीती...
प्रेमचंद मेरी आवाज़ में....कोशिश है, प्रेमचंद की अमर कहानियों को young generation तक पहुंचाने की। कम होती पढ़ने की आदत के चलते Podcast से प्रेमचंद का सुनना न सिर्फ सुनने वालों को अच्छा लगेगा, बल्कि हिंदी कहानी के उस जादूगर का जादू आज भी कायम ये भी स्थापित कर करता है।
मेरी आवाज़...के साथ प्रेमचंद की कहानियां एक प्रयोग है। मैं इस बात को तो नहीं मानता कि मेरी आवाज़ में उनकी कहानियां सफल प्रयोग होगा... हां, इस बात का ख़याल ज़रूरर रखूंगा का कि उनके किसी भी शब्द के साथ अन्याय न हो।