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Voice Of Sanket
Sanket Pandey
22 episodes
1 week ago
यहाँ थोक भाव मे टूटे दिलों का हाल बयाँ होता है, और उसकी मरहमपट्टी की जाती है!
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Relationships
Society & Culture
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यहाँ थोक भाव मे टूटे दिलों का हाल बयाँ होता है, और उसकी मरहमपट्टी की जाती है!
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Society & Culture
Episodes (20/22)
Voice Of Sanket
उत्तर प्रदेश - अधोपतन से उर्ध्वगमन तक

उत्तर प्रदेश - दुनिया को प्रतिभा का कच्चा माल देकर खुद अपने हँसते खेलते आँगन को कंगाल कर दे रहा था। उसी पर एक टिप्पणी।

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1 month ago
12 minutes 7 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - टीस का पूर्णविराम

पूर्ण विराम और हज़ारों खाली पन्ने

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4 months ago
24 minutes 1 second

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - महकी मुलाकातें
बात या साथ, दोनों में क्या खास जब ये समझ आना बंद हो जाए तो आप की मुलाकातें महक उठती हैं।
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5 months ago
11 minutes 40 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - सिलसिला
बातें बेल की तरह हैं, जहां सहारा मिला वहीं बढ़ जाती हैं, और फैलने लगती हैं छाने लगती हैं। और अगर बातों में दम हो तो बातों से उपजी यादें एक दिन बरगद बन जाती हैं, जितनी पुरानी उतनी ही शाखाएँ और उनसे लटकती उतनी ही जड़ें।
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6 months ago
11 minutes 32 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - रात के दो-ढाई बजे
बातें ही बात बढ़ाती हैं, बशर्ते लोग बातें कर रहे हों, बस बोल न रहे हों।
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6 months ago
21 minutes 48 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - गुंडे और गाने
नायक गुंडों की पिटाई भी कर सकता है और गाने भी गा सकता। हिंदी सनीमी ने तो यही दिखाया है खैर!
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7 months ago
17 minutes 4 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - ५ बनाम ३६५
तुम्हारे साथ बिताया समय ही मेरी दौलत है, उसे दिमाग़ में घुमा लेता हूं तो जो ROI मिलता है, वो कोई multibagger नहीं दे पाएगा।
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8 months ago
14 minutes 8 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - Love in the air
जब हम किसी के बगल होने भर से खिल जाएं, तो समझिए कि आप दोनों बीच के अनूठा अनुनाद है।
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10 months ago
9 minutes 42 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - उन्नीस से उन्यासी तक
जो हवा में है, वो हमेशा मामूली नहीं होता और जो ठोस है वो हमेशा खास नहीं होता।
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10 months ago
11 minutes 46 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - सांसे, बातें और पहाड़
आज बिना कुछ चाहे वो ज़ेहरा को अपनी आँखों मे देखने दे रहा था, इस उम्मीद में कि ज़ेहरा उसके मन के उस कोने में उतर जाए जहाँ कभी कोई नहीं गया, किसी ने वो जगह बुहार के वहाँ थोड़ा पानी छिड़क कर दीपक नहीं जलाया
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1 year ago
15 minutes 22 seconds

Voice Of Sanket
ज़ेहरा और मानव - भँवरे की गुनगुन
उस पहाड़ पर जाकर हम लौट तो आए , और जितना खुद को लेकर गए थे उससे कहीं ज्यादा ही होकर आए, फिर लगता है वहां बहुत कुछ छोड़ आए!
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1 year ago
15 minutes 53 seconds

Voice Of Sanket
दोपहर और दो साँसें 
बेतरतीब से कमरे के बीच में एक पलंग जिसपर हम दोनों पसरे थे, पर्दे लगे थे और रोशनी छन कर आ रही थी, मैं उसे देख रहा था, उसकी आंखों के नीचे के हल्के स्याह निशान, उसका वो सफेद सा चेहरा, वो मेरी दाढ़ी और मूंछों के बालों में अपनी उंगलियां फेर रही थी, मुझे बहुत दिन तक अपनी दाढ़ी का वो हिस्सा याद था
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1 year ago
3 minutes 36 seconds

Voice Of Sanket
फूलों की सड़क
लाल-केसरिया-सफ़ेद रंग से पटे उस सड़क के दोनों किनारे ... और उसके बीच से कहीं बहुत दूर जाती वो सड़क। उस खुश्बू में, सब कुछ नरम सा था, हमारे साथ की तरह
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1 year ago
2 minutes 10 seconds

Voice Of Sanket
जो दूर है वो नूर है।

तारों तक पहुंचने में भी आपका ज्यादातर समय तो अंतरिक्ष में ही बीतता है, ठीक वैसे ही सच ढूंढने वाले का जीवन भी झूठ को पार करने में ही बीतता है।

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1 year ago
3 minutes 22 seconds

Voice Of Sanket
खाली रातें
रातों के ढेर में तुम्हारी यादें, भूँसे के ढेर में चमकती सुई।
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1 year ago
2 minutes 20 seconds

Voice Of Sanket
रास्ते, बातें और सिर्फ तुम
गुबार-ए-दिल, जो जहाँ बरस जाए बस प्यार की वो घाँस उगा देता है, जो हर बार किसी के कदमों से दबाकर भी फिर लहलहा उठती है। लेखन-स्वर - संकेत पाण्डेय
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1 year ago
1 minute 26 seconds

Voice Of Sanket
Bicycle a lovestory | साईकिल एक प्रेमकथा
रात में कहीं जाने की गरज बिना, साईकिल चलाना खुद से बातें करने का मोहक माध्यम है, आईए उसकी की थोड़ी सी बात कह सुन लें।
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1 year ago
2 minutes 48 seconds

Voice Of Sanket
मकड़ी का जाला
शांत एकांत और कोलाहल से भरे अकेलेपन का द्वंद। स्वर और लेखन - संकेत पांडेय
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2 years ago
2 minutes 25 seconds

Voice Of Sanket
राम मंत्र
रामनवमी के पावन पर्व पर अपने परमप्रतापी पूर्वज मर्यादापुरुषोत्तम को मेरा नमन! लेखन और स्वर - संकेत पाण्डेय
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2 years ago
2 minutes 2 seconds

Voice Of Sanket
बोलो क्योंकि बोल सकते हो
यहाँ दुनिया भर की बात दिल की उस गहराई से कही जाती है जहाँ मैं अकेला बैठा होता हूँ।
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4 years ago
4 minutes 3 seconds

Voice Of Sanket
यहाँ थोक भाव मे टूटे दिलों का हाल बयाँ होता है, और उसकी मरहमपट्टी की जाती है!