"भगवान् नन्दी का वहाँ आना और दृष्टिपात मात्र से पाशछेदन एवं ज्ञानयोग का उपदेश कर के चला जाना, शिवपुराण की महिमा तथा ग्रन्थ का उपसंहार"
"वायुदेव का अन्तर्धान, ऋषियों का सरस्वती में अवभृथ- स्नान और काशी में दिव्य तेज का दर्शन कर के ब्रह्माजी के पास जाना, ब्रह्मा जी का उन्हें सिद्धि-प्राप्ति की सूचना देकर मेरु के कुमार-शिखर पर भेजना"
"ध्यान और उस की महिमा, योगधर्म तथा शिवयोगी का महत्त्व, शिवभक्त या शिव के लिये प्राण देने अथवा शिवक्षेत्र में मरण से तत्काल मोक्ष-लाभ का कथन"
"योगमार्ग के विघ्न, सिद्धि सूचक उपसर्ग तथा पृथ्वी से लेकर बुद्धि- तत्त्वपर्यन्त ऐश्वर्यगुणों का वर्णन, शिव-शिवा के ध्यान की महिमा"
"योग के अनेक भेद, उसके आठ और छ: अंगों का विवेचन -यम, नियम, आसन, प्राणायाम, दशविध, प्राणों को जीतने की महिमा, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि का निरूपण"
"पारलौकिक फल देने वाले कर्म-शिवलिंग-मह्यव्रत की विधि और महिमा का वर्णन"
"ऐहिक फल देने वाले कर्मों और उनकी विधि का वर्णन, शिव-पूजन की विधि, शान्ति-पुष्टि आदि विविध काम्य कर्मो में विभिन्न हवनीय पदार्थों के उपयोग का विधान"
शिव के पाँच आवरणों में स्थित सभी देवताओं की स्तुति तथा उनसे अभीष्टपूर्ति एवं मंगल की कामना""
"आवरणपूजा की विस्तृत विधि तथा उक्त विधि से पूजन की महिमा का वर्णन"
"काम्य कर्म के प्रसंग में शक्ति सहित पंचमुख महादेव की पूजा के विधान का वर्णन"
"पंचाक्षर-मन्त्र के जप तथा भगवान् शिव के भजन-पूजन की महिमा, अग्निकार्य के लिये कुण्ड और वेदी आदि के संस्कार, शिवाग्नि की स्थापना और उसके संस्कार, होम, पूर्णाहुति, भस्म के संग्रह एवं रक्षण की विधि तथा हवनान्त में किये जाने वाले कृत्य का वर्णन"
"शिवपूजा की विशेष विधि तथा शिव-भक्ति की महिमा"
"शिवपूजन-की विधि"
"अन्तर्याग अथवा मानसिक पूजाविधि का वर्णन"
"योग्य शिष्य के आचार्यपद पर अभिषेक का वर्णन तथा संस्कार के विविध प्रकारों का निर्देश"
"साधक-संस्कार और मन्त्र-माहात्म्य का वर्णन"
"षडध्वशोधान की विधि - 2"
"षडध्वशोधान की विधि - 1"
"समय-संस्कार या समयाचार की दीक्षा की विधि"
"त्रिविध दीक्षा का निरूपण, शक्तिपात की आवश्यकता तथा उसके लक्षणोंका वर्णन, गुरुका महत्त्व, ज्ञानी गुरु से ही मोक्ष की प्राप्ति तथा गुरु के द्वारा शिष्य की परीक्षा"