
फ़्री विल । दर्पण साह
अगस्त का महिना हमेशा जुलाई के बाद आता है,
ये साइबेरियन पक्षियों को नहीं मालूम
मैं कोई निश्चित समय-अंतराल नहीं रखता दो सिगरेटों के बीच
खाना ठीक समय पर खाता हूँ
और सोता भी अपने निश्चित समय पर हूँ
अपने निश्चित समय पर
क्रमशः जब नींद आती है और जब भूख लगती है
इससे ज़्यादा ठीक समय का ज्ञान नहीं मुझे
जब चीटियों की मौत आती है, तब उनके पंख उगते हैं
और जब मेरी इच्छा होती है तब दिल्ली में बारिश होती है
कई बार मैंने अपनी घड़ी में तीस भी बजाए हैं
मेरे कैलेंडर के कई महीने चालीस दिन के भी गये हैं
मैं यहाँ पर लीप ईयर की बात नहीं करूँगा
मुक्ति और आज़ादी में अंतस और वाह्य का अंतर होता है