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Pratidin Ek Kavita
Nayi Dhara Radio
950 episodes
1 day ago
कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।
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कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।
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Aastha | Priyankshi Mohan
Pratidin Ek Kavita
1 minute
2 weeks ago
Aastha | Priyankshi Mohan

 आस्था | प्रियाँक्षी मोहन


इस दुनिया को युद्धों ने उतना 

तबाह नहीं किया 

जितना तबाह कर दिया

प्यार करने की झूठी तमीज़ ने


प्यार जो पूरी दुनिया में

वैसे तो एक सा ही  था

पर उसे करने की सभी ने

अपनी अपनी शर्त रखी 

और प्यार को कई नाम, 

कविताओं, कहानियों, 

फूलों, चांद तारों और

जाने किन किन

उपमाओं में बांट दिया


जबकि प्यार को उतना ही नग्न

और निहत्था होना था

जितना किसी पर अटूट 

आस्था रखना होता है


वह सच्ची आस्था 

जिसको आज तक कोई 

तमीज़,तावीज़ या तागा 

नहीं तोड़ सके। 


Pratidin Ek Kavita
कवितायेँ जहाँ जी चाहे वहाँ रहती हैं- कभी नीले आसमान में, कभी बंद खिड़कियों वाली संकरी गली में, कभी पंछियों के रंगीन परों पर उड़ती हैं कविताएँ, तो कभी सड़क के पत्थरों के बीच यूँ ही उग आती हैं। कविता के अलग अलग रूपों को समर्पित है, हमारी पॉडकास्ट शृंखला - प्रतिदिन एक कविता। कीजिये एक नई कविता के साथ अपने हर दिन की शुरुआत।