
प्रदीप वकील का बेटा था. वह भी शीला के साथ कालेज में
पढ़ाई कर रहा था. ऐयाश प्रदीप ने गांव से आई सीधीसादी
शीला को अपने जाल में फंसा लिया था. शीला की समझ
में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे और क्या न करे.
पिछले एक महीने से वह परेशान थी. कालेज बंद होने वाले
थे.
प्रदीप सैमेस्टर का इम्तिहान देने के बाद यह कह कर गया
था, ‘मैं तुम्हें पैसों का इंतजाम कर के 1-2 दिन बाद दे दूंगा.
तुम निश्चिंत रहो. घबराने की कोई बात नहीं.’ ‘पर है कहां
वह?’ यह सवाल शीला को परेशान कर रहा था. उस की
और प्रदीप की पहचान को अभी सालभर भी नहीं हुआ था
कि उस ने उस से शादी का वादा कर उस के साथ….......
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