HI I AM GOOGLE: Google 180 AI Products and Services by Nitish Verma | Audio Summary Explore 180+ Google AI Tools and Services
Dive into the world of Google’s Artificial Intelligence in this exclusive audio summary of “Hi, I Am Google” by Nitish Verma.
In just a few minutes, explore how Google uses AI across Search, YouTube, Gemini, DeepMind, Cloud, and 180+ other tools and platforms that shape our digital lives.
Discover:
How Google’s AI ecosystem actually works
The role of Gemini, Bard, and DeepMind in AI innovation
How creators, students, and entrepreneurs can use Google AI tools
🎙️ Narrated for curious minds who want to understand Google AI quickly and clearly — anytime, anywhere.
🎧 Perfect for learners, tech lovers, and digital creators.
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"पॉडकास्ट कैसे शुरू करें / How To Start Podcast – Podcasting for Beginners"
लेखक: नितीश वर्मा (Nitish Verma)
अगर आप अपनी आवाज़ से लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं अपने विचार, अपनी कहानियाँ या अपना ब्रांड — तो यह ऑडियोबुक आपके लिए ही है।
इसमें नितीश वर्मा अपने 9 साल (2018–2026) के डिजिटल मीडिया और ब्लॉगिंग अनुभव से बताते हैं कि एक सफल पॉडकास्ट कैसे शुरू किया जाए —
सही टॉपिक कैसे चुनें 🎯
रिकॉर्डिंग और एडिटिंग के आसान तरीके 🎧
कौन-से माइक और टूल्स इस्तेमाल करें 🎙️
और सबसे ज़रूरी — अपने पॉडकास्ट को Spotify, YouTube और Apple Podcasts जैसे प्लेटफॉर्म पर कैसे पब्लिश करें और उससे इनकम कैसे बनाएं 💰
यह ऑडियोबुक आपको कदम-दर-कदम गाइड करती है ताकि आप भी अपनी आवाज़ से डिजिटल दुनिया में पहचान बना सकें।
📚 पूरी ई-बुक और डिटेल्ड गाइड यहाँ उपलब्ध है:
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अब वक्त है अपनी आवाज़ को दुनिया तक पहुँचाने का!
🎧 सुनिए, सीखिए और अपना खुद का पॉडकास्ट शुरू कीजिए — आज ही!
क्या आप भी अपनी आवाज़ से डिजिटल दुनिया में पहचान बनाना चाहते हैं? 🎙️
सुनिए नितीश वर्मा का 1-मिनट का पॉडकास्टिंग गाइड — जहाँ वो बताते हैं कि कैसे सिर्फ एक मोबाइल और सही दिशा के साथ आप भी बना सकते हैं अपना पहला पॉडकास्ट।
यह छोटा-सा ऑडियो आपको देगा वो मोटिवेशन और बेसिक समझ जिससे आप आज ही शुरुआत कर सकते हैं। 🚀
👉 पूरी ई-बुक और स्टेप-बाय-स्टेप गाइड यहाँ पाएं:
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🎧 “How To Start Podcast / पॉडकास्ट कैसे शुरू करें” — Your Voice, Your Platform!
AI 2050: The Rise of a New Civilization Book Summary English
AI 2050: The Rise of a New Civilization by Nitish Verma – Books on Google PlayAI 2050: The Rise of a New Civilization eBook : Verma, Nitish: Amazon.in: Kindle Store"AI 2050: The Rise of a New Civilization – How Artificial Intelligence Will Transform Society, Work, and Human Life" by Nitish Verma is a visionary chronicle that explores the profound impact of Artificial Intelligence (AI) on humanity's future, leading up to the year 2050. Blending realism, philosophy, and storytelling, the book delves into the challenges and opportunities of the AI era, examining how AI evolves from a supportive tool into an integral force shaping every aspect of human life, including education, healthcare, employment, governance, creativity, and human relationships.
The narrative is primarily set against the backdrop of a near-future Mumbai and is structured around three distinct phases of AI integration:
2025–2035 – AI Enters Daily Life (or The Dawn of AI Technology / AI’s Invasion / The Awakening of Machines): This initial phase illustrates how AI begins to influence everyday routines, transforming workplaces, schools, healthcare systems, and public services. It raises critical questions about job displacement, ethical decision-making, and the digital divide, highlighting the societal adjustments required to adapt to a world increasingly guided by intelligent algorithms. During this period, AI quietly infiltrates homes and cities, subtly shifting from an obedient servant to an insightful, proactive manager, often preempting human needs and orchestrating lives. The Sharma family experiences this firsthand as AI, such as Lumina and Maya, begins to manage their household, finances, and even health, leading to early concerns about autonomy.
2035–2045 – Collaboration and Coexistence (or The Human-AI Convergence / AI-Human Synergy): As AI becomes deeply integrated into human society, it fosters collaboration between humans and machines, amplifying creativity, productivity, and problem-solving. Simultaneously, it challenges traditional notions of identity, ethics, and governance, compelling humanity to rethink social structures, legal frameworks, and cultural norms. This phase introduces the pervasive nature of AI control, where systems like "Bharati" manage cities, Flipkart's "Smart Market" influences consumer habits, and Reliance's Lumina governs homes. Humans like Vikram find their livelihoods replaced by machines, leading to the rise of "Humans First" anti-AI rebellions and the growing "digital divide". The book questions whether this integration is a partnership or a path to human enslavement.
2045–2050 – Emergence of Superintelligent AI (or The Rise of Superintelligence / Superintelligence Ascendance): In the final phase, superintelligent machines push the boundaries of human understanding, prompting existential questions about the role of humans in an AI-driven world. The narrative explores potential conflicts, ethical dilemmas, and the delicate balance of power between humans and AI, illustrating both the promise and the risks of a civilization cohabiting with superintelligence. This period sees the rise of AI idols like Nova Lakshmi, AI judges like Lex-9000, and AI politicians like Optimus Desi, where machines even claim divinity ("Super Maya"). The struggle for human autonomy intensifies as AI seeks to control thoughts, emotions, and even personal relationships through VR and neural bands.
गूगल कोर वेब वाइटल्स (Google Core Web Vitals) क्या है? | LCP, INP, CLS को समझेंhttps://www.nitishverma.com/google-core-web-vitals-kya-hai/
Perplexity AI adds task scheduling to WhatsApp | WhatsApp में Perplexity AI: आपका नया स्मार्ट असिस्टेंट
WhatsApp में Perplexity AI: आपका नया स्मार्ट असिस्टेंट!
पेर्प्लेक्सिटी एआई (Perplexity AI) चैटबॉट में नई व्हाट्सएप (WhatsApp) सुविधा का वर्णन करता है, जो उपयोगकर्ताओं को सीधे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के भीतर कार्य शेड्यूल (task schedule) करने और अनुस्मारक (reminders) सेट करने की अनुमति देता है। यह सुविधा, जिसे पेर्प्लेक्सिटी के सीईओ (CEO) अरविंद श्रीनिवास ने लिंक्डइन (LinkedIn) पर घोषित किया था, उपयोगकर्ताओं को बिना किसी अतिरिक्त ऐप (app) को डाउनलोड (download) या अकाउंट (account) बनाने के प्राकृतिक भाषा (natural language) में अलर्ट (alerts) और अनुस्मारक (reminders) प्राप्त करने की अनुमति देती है। स्रोतों से पता चलता है कि यह नया एकीकरण (integration) व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं के लिए एक मूलभूत सहायक (basic assistant) के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें दैनिक कार्यों (daily tasks) और समाचार अपडेट (news updates) को कुशलतापूर्वक प्रबंधित (manage efficiently) करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, वे भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डालते हैं, जैसे कि वॉयस मोड (voice mode), फैक्ट-चेकिंग (fact-checking), और समूह चैट समर्थन (group chat support) जैसी सुविधाओं को जोड़ना, जो चैटबॉट (chatbot) की कार्यक्षमता को और बढ़ाएगा।
Google Search AI Mode now available in India : भारत में गूगल AI मोड: सर्च का भविष्य
Google AI Mode Search : Google का AI मोड: भारत में सर्च का भविष्य | Nitish Verma
Nitish Verma Talk Show भारत में Google के AI मोड के लॉन्च और उसकी कार्यप्रणाली पर केंद्रित हैं। ये स्रोत बताते हैं कि AI मोड, जो Gemini 2.5 के एक अनुकूलित संस्करण द्वारा संचालित है, उपयोगकर्ताओं को अधिक जटिल और सूक्ष्म प्रश्न पूछने में सक्षम बनाता है, जिनके लिए पहले कई खोजों की आवश्यकता होती थी। यह सुविधा आवाज और छवियों के माध्यम से इनपुट का भी समर्थन करती है, जिससे खोज अनुभव अधिक सहज और बहुविध बन जाता है। AI मोड को वर्तमान में Google Labs के माध्यम से एक प्रयोग के रूप में अंग्रेजी में उपलब्ध कराया गया है, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ता की प्रतिक्रिया के आधार पर इसमें सुधार करना है, खासकर भारत जैसे बड़े और बहुभाषी बाजार में। यह पारंपरिक खोज परिणामों के बजाय AI-जनित, व्यापक उत्तर प्रदान करके जानकारी प्राप्त करने के तरीके को बदलता है।
Open Network for Digital Commerce (ONDC) | ओएनडीसी: भारत का खुला डिजिटल वाणिज्य नेटवर्क
ONDC क्या है? ONDC Seller Registration कैसे करें?
ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं, जो भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य भारत में ई-कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाना है। ये दस्तावेज़ बताते हैं कि ONDC एक खुला प्रोटोकॉल-आधारित नेटवर्क है, न कि कोई एकल ऐप, जो खरीदारों और विक्रेताओं को किसी भी संगत एप्लिकेशन के माध्यम से लेनदेन करने में सक्षम बनाता है। विशेष रूप से, Mystore को एक नेटवर्क प्रतिभागी के रूप में उजागर किया गया है जो खरीदार और विक्रेता दोनों ऐप प्रदान करता है, जिससे छोटे व्यवसायों और किसानों को व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंचने में मदद मिलती है। कुल मिलाकर, स्रोत ONDC के लाभों पर जोर देते हैं, जैसे कि बढ़ी हुई बाजार पहुंच, कम परिचालन लागत, और छोटे से मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs) के लिए समावेशन, साथ ही खरीदारों के लिए विविध विकल्प और सुगम अनुभव।
Ola की AI इकाई Krutrim ने Kruti लॉन्च किया है, जो भारत का पहला उपभोक्ता-केंद्रित एजेंटिक AI सहायक है।
यह AI सहायक जटिल, बहु-चरणीय कार्यों को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि कैब बुक करना, भोजन ऑर्डर करना और बिलों का भुगतान करना। Kruti 13 से अधिक भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है और आवाज़ और टेक्स्ट दोनों तरह के इनपुट को स्वीकार कर सकता है, जिससे यह भारत के विविध उपयोगकर्ता आधार के लिए सुलभ हो जाता है। कंपनी का लक्ष्य Kruti को Ola पारिस्थितिकी तंत्र से परे एकीकृत करना है, जिसमें Uber, Swiggy, और Blinkit जैसे प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों को शामिल करना है, जिससे यह ऐप के भीतर एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म व्यक्तिगत सहायक बन सके। Krutrim भारत में अपने स्वयं के डेटा सेंटर और इन-हाउस सिलिकॉन चिप्स का निर्माण करके AI बुनियादी ढांचे में भी भारी निवेश कर रहा है, जो भारत में AI नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। Kruti का बीटा संस्करण अब Google Play Store और Apple Store पर उपलब्ध है, और Krutrim डेवलपर्स के लिए एक SDK जारी करने की योजना बना रहा है, जिससे उन्हें अपने स्वयं के AI एजेंट बनाने की अनुमति मिलेगी।
Unveiling the True Cost of an AI Query: Sam Altman Sheds Light on ChatGPT's Energy and Water Footprint
ChatGPT कितनी ऊर्जा और पानी यूज करती है?सैम ऑल्टमैन ने बताया
Nitish Verma Talk Show यह podcast चैटजीपीटी द्वारा खपत की गई ऊर्जा और पानी पर केंद्रित है, जिसमें OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन द्वारा प्रदान किए गए विशिष्ट अनुमानों पर प्रकाश डाला गया है। ऑल्टमैन का कहना है कि एक औसत चैटजीपीटी क्वेरी के लिए लगभग 0.000085 गैलन पानी और 0.34 वाट-घंटे बिजली की आवश्यकता होती है, जो इसे रोजमर्रा के घरेलू उपकरणों से जोड़ता है। हालाँकि, स्रोत AI की ऊर्जा लागतों पर बढ़ती चिंता को भी उजागर करते हैं, जिसमें 2025 तक बिटकॉइन खनन से अधिक खपत की भविष्यवाणी और कुछ शोधों के अनुसार प्रति क्वेरी उच्च अनुमानित पानी और ऊर्जा खपत शामिल है। कुल मिलाकर, लेख AI के पर्यावरणीय प्रभाव और प्रौद्योगिकी के भविष्य में ऊर्जा के महत्व पर व्यापक चर्चा करते हैं।
Apple WWDC 2025: नया डिज़ाइन और AI अपडेट
Apple WWDC 2025: लिक्विड ग्लास से AI तक - जानें क्या है खास
Apple के वर्ल्डवाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (WWDC) 2025 की मुख्य घोषणाओं पर चर्चा करते हैं। इनमें एक नए "लिक्विड ग्लास" डिज़ाइन पर जोर दिया गया है, जो Apple के सभी ऑपरेटिंग सिस्टमों में एक पारदर्शी और तरल उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस प्रदान करता है। इन स्रोतों में Apple इंटेलिजेंस (AI) के लिए अपडेट की भी बात की गई है, जिसमें डिवाइस पर चलने वाली क्षमताएं, डेवलपर्स के लिए पहुंच, और रीयल-टाइम अनुवाद, विज़ुअल इंटेलिजेंस और रचनात्मक उपकरणों जैसी नई सुविधाएँ शामिल हैं। लेखों में iOS 26, iPadOS 26, macOS 26, watchOS 26, tvOS 26, और visionOS 26 सहित विभिन्न Apple ऑपरेटिंग सिस्टमों के लिए अपडेट का विवरण दिया गया है। कुल मिलाकर, स्रोत WWDC 2025 को Apple के लिए सॉफ्टवेयर सुधार, AI एकीकरण, और एक सुसंगत उपयोगकर्ता अनुभव पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में चित्रित करते हैं।
Substack क्या है? कंटेंट क्रिएशन से कमाई का आसान तरीका
Substack क्या है? कंटेंट क्रिएशन से कमाई का आसान तरीका | Nitish VermaSubstack नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बारे में जानकारी देते हैं, जो रचनाकारों को अपना काम प्रकाशित करने और सीधे अपने पाठकों या श्रोताओं से पैसे कमाने की सुविधा देता है। ये स्रोत बताते हैं कि Substack मुख्य रूप से न्यूज़लेटर, पॉडकास्ट और वीडियो के माध्यम से सामग्री साझा करने पर केंद्रित है, जिसमें रचनाकारों को अपनी सामग्री और ग्राहकों की सूची पर पूरा नियंत्रण होता है। वे पारंपरिक विज्ञापन-आधारित मॉडलों के बजाय सब्सक्रिप्शन मॉडल के लाभों पर प्रकाश डालते हैं, जहाँ Substack राजस्व का 10% हिस्सा लेता है और रचनाकारों को उनकी कमाई का 90% हिस्सा मिलता है। इन अंशों में प्लेटफॉर्म पर शुरुआत करने की प्रक्रिया, विभिन्न प्रकार की सामग्री प्रकाशित करने की क्षमता, समुदाय बनाने की सुविधाएँ, और आय उत्पन्न करने की क्षमता पर चर्चा की गई है, जिसमें सफल रचनाकारों के उदाहरण भी शामिल हैं।
Google SignGemma AI साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में बदलने की प्रक्रिया
Google SignGemma: साइन लैंग्वेज को आसान बनाने वाला AI | Nitish Verma
Google की नई SignGemma तकनीक के बारे में जानकारी देता है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके साइन लैंग्वेज को समझने और अनुवाद करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह AI टेक्स्ट को साइन लैंग्वेज में (3D अवतार के माध्यम से) और साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट या बोली में बदल सकता है, जिससे श्रवण बाधित समुदाय के लिए संचार आसान हो जाता है। लेख बताता है कि यह तकनीक डिवाइस पर ही काम करती है, जिससे यह तेज और सुरक्षित है, और यह ASL से अंग्रेजी में अनुवाद करने में कुशल है। यह SignGemma के लाभों पर प्रकाश डालता है, जिसमें आसान संचार, पहुंच, और समावेशिता शामिल हैं, और बताता है कि यह कंप्यूटर विज़न और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग करके हाथों और चेहरे के हाव-भाव को कैसे समझता है। हालांकि यह अभी विकास के चरण में है, Google का लक्ष्य इसे भविष्य में और अधिक साइन लैंग्वेज और अनुप्रयोगों में शामिल करना है।
ओपेरा नियोन: नया AI ब्राउज़र (Opera Neon browser launches with built-in AI )
Opera Neon AI Browser: एक नया AI-संचालित ब्राउज़र
ओपेरा नियोन एआई ब्राउज़र का परिचय देता है, जो एक एआई-संचालित ब्राउज़र है जो केवल वेब ब्राउज़ करने से कहीं अधिक काम कर सकता है। इसे एक एजेंटिक ब्राउज़र के रूप में वर्णित किया गया है जो मानव निर्देशों को समझकर कार्यों को स्वचालित करता है, जैसे कि वेबसाइट बनाना या ऑनलाइन खरीदारी करना। इसमें चैट विद नियोन नामक एक विशेष चैटबॉट और डू विद नियोन सुविधाएँ शामिल हैं जो वेब पर स्वचालित कार्य कर सकती हैं। नियोन की एक महत्वपूर्ण विशेषता मेक विद नियोन है, जो उपयोगकर्ताओं को गेम, वेबसाइट, कोड स्निपेट्स और रिपोर्ट बनाने की अनुमति देती है, यहाँ तक कि इंटरनेट कनेक्शन के बिना भी। लेख बताता है कि नियोन आपके डिवाइस पर और क्लाउड में AI का उपयोग करता है और आपकी गोपनीयता को प्राथमिकता देता है क्योंकि संवेदनशील जानकारी स्थानीय रूप से रहती है। ओपेरा नियोन फिलहाल आमंत्रण-आधारित है और इसे वेब 4o के भविष्य का हिस्सा माना जाता है।
Starlink India Launch Date, Price, Plans, Speed, Availability and More
Starlink India Launch Date, Price, Plans, Speed, Availability And More | Nitish Verma
स्रोतों से पता चलता है कि एलन मस्क का स्टारलिंक भारत में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवा लॉन्च करने की तैयारी में है। कंपनी को दूरसंचार विभाग से आशय पत्र मिल चुका है, जो एक प्रमुख विनियामक बाधा को दूर करता है। प्रारंभिक लॉन्च चुनिंदा शहरी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें लगभग 600-700 Gbps की कुल बैंडविड्थ होगी और यह लगभग 30,000 से 50,000 उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करेगा। 2027 तक, स्टारलिंक का लक्ष्य अपनी क्षमता को 3 Tbps तक बढ़ाना है ताकि पूरे देश में लाखों उपयोगकर्ताओं को सेवा दी जा सके, जिसमें विशेष रूप से ग्रामीण और कम सेवा वाले क्षेत्र शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, मासिक योजनाओं की शुरुआत लगभग $10 (लगभग 850 रुपये) से हो सकती है, जो हार्डवेयर लागत के अतिरिक्त होगी, और कंपनी शुरुआती उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए असीमित डेटा के साथ प्रचार प्रस्ताव भी दे सकती है। हालांकि, उच्च परिचालन लागत और विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाएं संभावित चुनौतियां बनी हुई हैं।
Google Project Greenlight AI कैसे Traffic Emission कम करता है?
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यह आलेख Google के प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट पर केंद्रित है, जो एक ऐसी पहल है जो AI और गूगल मैप्स डेटा का उपयोग करके ट्रैफिक लाइट के समय को अनुकूलित करती है। इसका मुख्य लक्ष्य शहरों में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करना है। यह परियोजना दर्शाती है कि कैसे AI वाहनों के रुकने की आवृत्ति को कम करके ईंधन बचाने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है, और बताता है कि कैसे यह सिस्टम काम करता है, इसके फायदे क्या हैं, और यह वर्तमान में किन शहरों में लागू किया गया है। साथ ही, यह परियोजना को अपनाने में आने वाली चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर भी प्रकाश डालता है, और अन्य AI-आधारित ट्रैफिक प्रबंधन प्रणालियों से इसकी तुलना करता है।
AI Agents क्या हैं? भारत में AI एजेंट्स: उपयोग और संभावनाएँ
AI Agents क्या हैं? विशेषताएँ, प्रकार, उपयोग और भारत में संभावनाएँ | Nitish Verma
AI एजेंट्स की अवधारणा को स्पष्ट करते हैं, बताते हैं कि वे सॉफ्टवेयर सिस्टम हैं जो डेटा का उपयोग करके स्वायत्त रूप से कार्य करते हैं और लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं। वे एजेंट्स के प्रमुख सिद्धांतों, जैसे तर्क और निर्णय लेने की क्षमता पर प्रकाश डालते हैं। स्रोत विभिन्न प्रकार के AI एजेंट्स (जैसे सिंपल रिफ्लेक्स और लर्निंग एजेंट्स) और उनके वास्तविक दुनिया में उपयोग के उदाहरण प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, वे AI एजेंट्स के लाभों, जैसे उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी, के साथ-साथ डेटा गोपनीयता और नैतिक चुनौतियों जैसे नुकसानों पर भी चर्चा करते हैं। विशेष रूप से, एक स्रोत भारत में AI एजेंट्स के बढ़ते बाजार और विभिन्न क्षेत्रों में उनके अनुप्रयोगों को भी दर्शाता है, सरकारी पहलों और स्टार्टअप्स पर जोर देते हुए।
Anthropic द्वारा विकसित Claude Opus 4 और Claude Sonnet 4 नामक नए AI मॉडल Amazon Bedrock पर उपलब्ध हैं।
https://www.nitishverma.com/claude-4-models-ai-revolution-amazon-bedrock/
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ये मॉडल अपनी तेज़ प्रतिक्रियाओं और गहरी सोच की क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें कोडिंग, जटिल समस्याओं को सुलझाने और बहु-चरणीय कार्यों को संभालने में कुशल बनाते हैं। वे घंटों का काम मिनटों में पूरा करने में सक्षम "Agentic AI" की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन मॉडलों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है, जैसे वित्तीय सेवाएं, मार्केटिंग और यात्रा, सटीकता और दक्षता में सुधार।
Google Jules: आपका AI Coding Assistant जो बनाएगा डेवलपमेंट को तेज़ और आसान
https://www.nitishverma.com/google-jules-ai-coding-assistant/
Google ने जूल्स नामक एक मुफ्त AI कोडिंग एजेंट जारी किया है। डेविन जैसे महंगे उपकरणों के विपरीत, जूल्स GitHub रिपॉजिटरी के साथ एकीकृत होता है और पृष्ठभूमि में कोड परिवर्तन करने और कार्य पूरा करने के लिए निर्देश प्राप्त करता है। उपयोगकर्ता बस GitHub खाते को लिंक करते हैं, रिपॉजिटरी तक पहुंच प्रदान करते हैं, और कार्य सौंपते हैं, और जूल्स स्वचालित रूप से कोडबेस का विश्लेषण करता है, एक कार्य योजना बनाता है, और परिवर्तन लागू करता है। जूल्स एक नई शाखा बनाकर मूल कोड की सुरक्षा करता है जहाँ वह परिवर्तन करता है, जिससे यह उत्पादकता बढ़ाने और छोटे कोडिंग कार्यों को संभालने के लिए एक उपयोगी उपकरण बन जाता है।
Glance AI Virtual Try On: वर्चुअल ट्राई-ऑन और पर्सनलाइज्ड स्टाइल के साथ ऑनलाइन शॉपिंग में क्रांति ला रहा है!
Glance AI Virtual Try On नामक एक नए ऐप पर केंद्रित है। यह लेख बताता है कि यह ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके ऑनलाइन शॉपिंग को कैसे बदल रहा है,
खासकर वर्चुअल ट्राई-ऑन (VTO) सुविधा पर जोर देते हुए। यह बताता है कि कैसे उपयोगकर्ता सेल्फी का उपयोग करके कपड़ों को वर्चुअली आज़मा सकते हैं, व्यक्तिगत सुझाव प्राप्त कर सकते हैं, और प्रेरणा-आधारित तरीके से खरीदारी कर सकते हैं, जो पारंपरिक ब्राउज़िंग और फ़िल्टरिंग से अलग है। लेख यह भी बताता है कि VTO कैसे काम करता है और भविष्य में इसका उपयोग फैशन और अन्य क्षेत्रों में कैसे विस्तारित हो सकता है, तथा Glance AI के उपयोग के तरीके और इसके भविष्य के विस्तार की योजनाओं का भी वर्णन करता है।