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Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Sameer Goswami
248 episodes
15 hours ago
धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। 1906 से 1936 के बीच लिखा गया प्रेमचंद का साहित्य इन तीस वर्षों का सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आन्दोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आन्दोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है। उनमें दहेज, अनमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छूआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री-पुरुष समानता, आदि उस दौर की सभी प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है। हिन्दी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखण्ड को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।
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Fiction
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धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। 1906 से 1936 के बीच लिखा गया प्रेमचंद का साहित्य इन तीस वर्षों का सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आन्दोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आन्दोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है। उनमें दहेज, अनमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छूआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री-पुरुष समानता, आदि उस दौर की सभी प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है। हिन्दी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखण्ड को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।
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Fiction
Episodes (20/248)
Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Yeh Bhi Nasha Wo Bhi Nasha - A Story by Munshi Premchand | ये भी नशा वो भी नशा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

एक पंडित जी द्वारा ज़िलाधीश के अपने घर आने पर भांग पिलाने और फिर ज़िलाधीश के घर जाने पर ज़िलाधीश द्वारा शराब पिलाने की ज़बरदस्ती करने की कहानी

Story of a Pandit forcing to drink cannabis to officer who come to his home and then officer force Pandit to drink liquor when he goes his home.

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2 years ago
6 minutes 59 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Vasna Ki Kadiyan - A Story by Munshi Premchand | वासना की कड़ियाँ - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

अपने बादशाह की जीती हुई अमानत पर दिल आ जाने की कहानी

Story of fallen in love with the deposit won by the King.

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2 years ago
27 minutes

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Wafa Ka Khanjar - A Story by Munshi Premchand | वफ़ा का खंजर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

विरोधी देश में शरण पाये एक सैनिक पिता के, युद्ध के समय, अपने वतन के प्रति कर्तव्य और अपने शरण देने वाले देश के प्रति वफ़ादार रहने के उहापोह की कहानी जिसमें दुश्मन सेना की तरफ़ से उसका बेटा लड़ रहा है।

The story of the father of a soldier, who took refuge in an opposing country during war, duty to his homeland and loyalty to his country of refuge, in which his son is fighting with the enemy army.

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2 years ago
31 minutes 49 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Vairagya - A Story by Munshi Premchand | वैराग्य - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

पंडित जी को अपना पेट काटकर लोगों की सेवा करने के बावजूद कोई संतान नहीं होती थी जब उन्होंने ये भलाई के काम बंद कर दिये तो उनके एक बेटा पैदा हुआ लेकिन ..

Pandit ji had no children despite keeping him hungry but serving the people, when he stopped this good work, a son was born to him but ..

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2 years ago
14 minutes 50 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Triya Charitra - A Story by Munshi Premchand | त्रिया चरित्र - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

एक गोद लिये धनी पुत्र का घर और ब्याहता पत्नी को छोड़कर, ग़रीबी का जीवन बिताने और एक अन्य स्त्री के प्रेम में पड़ जाने की कहानी

The story of one adopted son leaving his home and married wife, living a life of poverty and falling in love with another woman.

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2 years ago
40 minutes 56 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Tirsool - A Story by Munshi Premchand | तिरसूल - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

एक फ़ौजी द्वारा एक युवती के लिये फ़ौज के क़ानून से समझौता करने और युवती द्वारा ताउम्र इसका एहसान मानने की कहानी

The story of a soldier compromising the law of an army for a girl, and the woman kept obliged for lifetime.

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2 years ago
34 minutes 34 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Tathya - A Story by Munshi Premchand | तथ्य - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

अपने ही गाँव की लड़की से एकतरफ़ा प्रेम करने वाले युवक की कहानी

The story of a young man who loves his village girl unilaterally.

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2 years ago
24 minutes 43 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Taangewale Ki Bad - A Story by Munshi Premchand | तांगेवाले की बड़ - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

तांगे के सफ़र के दौरान तांगेवाले द्वारा सुनाई गई दास्तान

The story narrated by the tonga driver during the tonga journey.

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2 years ago
13 minutes 10 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Shok Ka Puraskar - A Story by Munshi Premchand | शोक का पुरस्कार - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

अपनी ब्याहता के बदले दूसरे पर आसक्त होने और उसकी मौत की ख़बर से दुखी युवक की कहानी

The story of a married man who started loving another girl and saddened by the news of her death.

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2 years ago
21 minutes 54 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Sher Aur Ladka - A Story by Munshi Premchand | शेर और लड़का - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

शेर के बीच फँसे गये एक लड़के की बाल कहानी

Child story of a boy trapped with a lion.

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2 years ago
9 minutes 48 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Shekh Makhmoor - A Story by Munshi Premchand | शेख मखमूर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

अपने पिता के खोये हुए राज्य को प्राप्त करने के लिये किये गये प्रयत्न की कहानी

The story of regain the kingdom which was lost by his father.

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2 years ago
37 minutes 15 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Sansaarik Prem Aur Desh Prem - A Story by Munshi Premchand | संसारिक प्रेम और देश प्रेम - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

अपने देश से प्रेम करने वाले युवक को प्रेम करने वाली युवती के पवित्र और निष्कलंक प्रेम की कहानी

The story of a woman’s pure love for a young man who loves his country

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2 years ago
25 minutes 32 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Sampadak Moteramji Shashtri - A Story by Munshi Premchand | संपादक मोटेराम जी शास्त्री - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

पंडित जी के मित्र द्वारा एक ऐसी पत्रिका प्रकाशित करने की कहानी जिसके ग्राहकों की संख्या अविश्वसनीय थी।

The story of Panditji's friend publishing a magazine whose number of subscribers was incredible.

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2 years ago
16 minutes 53 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Sailani Bandar - A Story by Munshi Premchand | सैलानी बंदर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

एक बंदर और एक परिवार के आपसी प्रेम की कहानी

Story of mutual love between a monkey and a family.

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2 years ago
21 minutes 19 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Rahasya - A Story by Munshi Premchand | रहस्य - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

एक युवक द्वारा चलाये जा रहे सेवाश्रम में एक महिला के आने के बाद दोनों के बीच पनपे अनकहे प्रेम की कहानी

The story of the untold love between the two after the arrival of a woman in Sevashram run by a young man.

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2 years ago
33 minutes 42 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Raajhath - A Story by Munshi Premchand | राजहठ - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

राजा पिता और कुंवर पुत्र के बीच राज्य में चल रहे उत्सव के कारण उपजे परस्पर विरोध की कहानी

Story of conflict between King father and Prince son due to ongoing celebration in the state.

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2 years ago
20 minutes 16 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Prem Ki Holi - A Story by Munshi Premchand | प्रेम की होली - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

एक विधवा युवती द्वारा पड़ोस के गाँव के युवक को पसंद करने की कहानी

The story of a widow's liking for a young man from a neighboring village.

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2 years ago
12 minutes 46 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Pratigya (Kalushit Aatma) Story - A Story by Munshi Premchand | प्रतिज्ञा/कलुषित आत्मा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

एक दुश्चरित्र राजा की कहानी जिसने प्रजा के कहने पर बारिश के लिये ईश्वर से प्रार्थना करने का अनोखा रास्ता अख़्तियार किया

The story of an evil king who made a unique way to pray to God for rain at the request of citizens.

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2 years ago
18 minutes 40 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Pandit Moteram Ki Diary - A Story by Munshi Premchand | पंडित मोटेराम की डायरी - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

अपने आप को बहुत होशियार समझने वाले एक पंडित द्वारा बंबई जाकर एक धनाढ़्य सेठ को ग्रह-शांति के नाम पर लूटने, और फिर फिर आबो-हवा माफ़िक़ न आने से बीमार पढ़ने और वापस लौटने की कहानी

The story of a Pandit, who considers himself very clever, to go to Bombay and get trapped in many scourges.

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2 years ago
42 minutes 12 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
Paagal Haathi - A Story by Munshi Premchand | पागल हाथी - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी

हाथी के पागल होने और फिर महावत के बेटे से प्रेम जागने की बाल कहानी

Child story of elephant going mad and then falling in love with Mahavat's son.

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2 years ago
6 minutes 2 seconds

Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ व उप
धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। 1906 से 1936 के बीच लिखा गया प्रेमचंद का साहित्य इन तीस वर्षों का सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आन्दोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आन्दोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है। उनमें दहेज, अनमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छूआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री-पुरुष समानता, आदि उस दौर की सभी प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है। हिन्दी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखण्ड को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।