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ए जिन्दगी किसी इक को तो
अपने दिल में बसा लेती,
किन्तु खुद्दारी के झांसे में आकर,
किसी एक को लोगों की भीड में
अपना तक ना बना नहीं सकी तुम !
समझाया खुद को बहुत कि
हार में अश्क ना बहाएं,
लेकिन हर हताशा पर
आंखों से आँसू रुक पाए हों,
ये तुमसे हो ना सका ए जिंदगी!
विश्वास ग़र दिल में घुलता है तो,
एहसास प्रेम का बनता है किन्तु
विश्वास किसी के दिल मे जगा रहे,
ये तुमसे हो सका नहीं ए जिंदगी!
हालात से भयभीत होकर नहीं,
अपितु दुनिया में मुश्किलों से
सीखने की होती है जरूरत,
किन्तु मुश्किलों से कुछ सीख पाते
ये तुमसे हो ना सका ए जिंदगी!
मतलब के रिश्ते हैं सब यहाँ,
उम्मीदे किसी से की नहीं जाती
आज के स्वार्थी दौर में,
किन्तु मतलब के रिश्ते तक भी
निभा नहीं पाई ताउम्र ये जिंदगी !
मुनीष भाटिया
5376 ऐरो सिटी
मोहाली
7027120349