Home
Categories
EXPLORE
True Crime
Comedy
Business
Society & Culture
History
Sports
Health & Fitness
About Us
Contact Us
Copyright
© 2024 PodJoint
00:00 / 00:00
Sign in

or

Don't have an account?
Sign up
Forgot password
https://is1-ssl.mzstatic.com/image/thumb/Podcasts115/v4/51/89/31/518931a9-bc74-f703-7829-b650d207c271/mza_16765406446298934307.jpg/600x600bb.jpg
MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Samskrita Bharati
15 episodes
8 months ago
MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit by Dr. K.N. Padmakumar (Samskrita Bharati)
Show more...
Hinduism
Religion & Spirituality
RSS
All content for MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit is the property of Samskrita Bharati and is served directly from their servers with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit by Dr. K.N. Padmakumar (Samskrita Bharati)
Show more...
Hinduism
Religion & Spirituality
Episodes (15/15)
MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-20-21
तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते किमु पुरुहूत-पुरीन्दुमुखी-सुमुखीभिरसौ विमुखी क्रियते । मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ २० ॥ अयि मयि दीनदयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे अयि जगतो जननी कृपयाऽसि यथाऽसि तथाऽनुमितासिरते । यदुचितमत्र भवत्युररि कुरुतादुरुतापमपाकुरुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ २१ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-18-19
पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं स शिवे अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् । तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १८ ॥ कनकलसत्कल-सिन्धुजलैरनुसिञ्चिनुते गुण-रङ्गभुवम् भजति स किं न शचीकुच-कुम्भ-तटी-परिरम्भ-सुखानुभवम् । तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम् जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १९ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-16-17
कटितट-पीत-दुकूल-विचित्र-मयूख-तिरस्कृत-चन्द्ररुचे प्रणत-सुरासुर-मौलिमणिस्फुर-दंशुल-सन्नख-चन्द्ररुचे । जित-कनकाचल-मौलिपदोर्जित-निर्भर-कुञ्जर-कुम्भकुचे जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १६ ॥ विजित-सहस्रकरैक-सहस्रकरैक-सहस्रकरैकनुते कृतसुरतारक-सङ्गरतारक-सङ्गरतारक-सूनुसुते । सुरथ-समाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १७ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-14-15
कमल-दलामल-कोमल-कान्ति कलाकलितामल-भाललते सकल-विलास-कलानिलयक्रम-केलि-चलत्कल-हंसकुले । अलिकुल-सङ्कुल-कुवलय-मण्डल-मौलिमिलद्भकुलालि-कुले जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १४ ॥ करमुरली-रव-वीजित-कूजित-लज्जित-कोकिल-मञ्जुमते मिलित-पुलिन्द-मनोहर-गुञ्जित-रञ्जितशैल-निकुञ्जगते । निजगुणभूत-महाशबरीगण-सद्गुण-सम्भृत-केलितले जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १५ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-12-13
सहित-महाहव-मल्लम-तल्लिक-मल्लित-रल्लक-मल्लरते विरचित-वल्लिक-पल्लिक-मल्लिक-भिल्लिक-भिल्लिक-वर्गवृते । सितकृत-फुल्लसमुल्ल-सितारुण-तल्लज-पल्लव-सल्ललिते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १२ ॥ अविरल-गण्ड-गलन्मद-मेदुर-मत्त-मतङ्गज-राजपते त्रिभुवन-भूषण-भूत-कलानिधि रूप-पयोनिधि राजसुते । अयि सुद-तीजन-लालसमानस-मोहन-मन्मथ-राजसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १३ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-11
अयि सुमनः सुमनः सुमनः सुमनः सुमनोहर-कान्तियुते श्रित-रजनी-रजनी-रजनी-रजनी-रजनीकर-वक्त्रवृते । सुनयन-विभ्रमर-भ्रमर-भ्रमर-भ्रमर-भ्रमराधिपते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ११ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-10
जय जय जप्य-जयेजय-शब्द-परस्तुति-तत्पर-विश्वनुते भण-भण-भिञ्जिमि-भिङ्कृत-नूपुर-सिञ्जित-मोहित-भूतपते । नटित-नटार्ध-नटीनट-नायक-नाटित-नाट्य-सुगानरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १० ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-09
सुरललना-ततथेयि-तथेयि-तथाभिनयोदर-नृत्य-रते हासविलास-हुलास-मयिप्रण-तार्तजनेमित-प्रेमभरे । धिमिकिट-धिक्कट-धिक्कट-धिमिध्वनि-घोरमृदङ्ग-निनादरते जय जय हे महिषासुर-मर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ९ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-08
धनुरनु-सङ्ग-रणक्षणसङ्ग-परिस्फुर-दङ्ग-नटत्कटके कनक-पिशङ्ग-पृषत्क-निषङ्ग-रसद्भट-शृङ्ग-हतावटुके । कृत-चतुरङ्ग-बलक्षिति-रङ्ग-घटद्बहुरङ्ग-रटद्बटुके जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ८ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-06
अयि शरणागत-वैरि-वधूवर-वीर-वराभय-दायकरे त्रिभुवन-मस्तक-शूल-विरोधि शिरोधि कृतामल-शूलकरे । दुमिदुमि-तामर-दुन्दुभिनाद-महो-मुखरीकृत-तिग्मकरे जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ६ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-05
अयि रण-दुर्मद-शत्रु-वधोदित-दुर्धर-निर्जर-शक्तिभृते चतुर-विचार-धुरीण-महाशिव-दूतकृत-प्रमथाधिपते । दुरित-दुरीह-दुराशय-दुर्मति-दानवदूत-कृतान्तमते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ५ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-04
अयि शतखण्ड-विखण्डित-रुण्ड-वितुण्डित-शुण्ड-गजाधिपते रिपु-गज-गण्ड-विदारण-चण्ड-पराक्रम-शुण्ड-मृगाधिपते । निज-भुज-दण्ड-निपातित-खण्ड-विपातित-मुण्ड-भटाधिपते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ४ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-03
अयि जगदम्ब-मदम्ब-कदम्ब-वनप्रिय-वासिनि हासरते शिखरि शिरोमणि तुङ्ग-हिमालय-शृङ्ग-निजालय-मध्यगते । मधु-मधुरे मधु-कैटभ-गञ्जिनि कैटभ-भञ्जिनि रासरते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ३ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-02
सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते । दनुज-निरोषिणि दितिसुत-रोषिणि दुर्मद-शोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
Mahishasuramardini-01
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दनुते गिरिवर-विन्ध्य-शिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥
Show more...
9 years ago

MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit
MahiShAsuramardinI Stotra Class in Sanskrit by Dr. K.N. Padmakumar (Samskrita Bharati)