
सत्ता राजनीति के दलदल का कमल है। सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति सेवा के माध्यम से सत्ता तक पहुँचता है। विचारधारा और सिद्धांत राजनीतिज्ञ का दाहिना और बाँया हाथ हुआ करता था लेकिन वर्तमान समय में ऐसा प्रतीत होता है जैसे उसके दोनों हाथ कट चुके हैं। सेवा के नाम पर सत्ता के लिए दलबदल आम बात हो गई है। आइए सुनिये दलबदल पर हमारी कविता "दलबदलू "।