
एक समय था जब भाजपा को अयोध्या के श्रीराम मन्दिर आन्दोलन के कारण साम्प्रदायिक पार्टी कहा जाता था। लेकिन उसी समय जनता ने भाजपा सरकार चुनकर यह बता दिया कि जनभावना का सम्मान करने वाली पार्टी साम्प्रदायिक नहीं हो सकती। आज राम नाम की शक्ति का ही परिणाम है कि भारत देश का शासन राम नाम का जप करने वालों के हाथ में है। विपक्षियों के किसी नेता में उन्हें साम्प्रदायिक कहने का साहस नहीं है। राम राज्य का अर्थ यह कदापि नहीं है कि दूसरे धर्म के लोगों से भेदभाव हो। हमारे राम सबके हैं, इसी भावना को महसूस करते हैं हमारी कविता "राजनीति में राम" से।