
जिस प्रकार सबसे छोटी और सबसे बड़ी संख्या को बताया नहीं जा सकता उसी प्रकार सबसे प्राचीन और आधुनिक को हम नहीं बता सकते। प्रत्येक प्राचीन काल का अगला समय आधुनिक होता है और आज का आधुनिकीकरण कल प्राचीन हो जायेगा तथा भविष्य आज की तुलना में आधुनिक होगा। प्राचीन से अर्वाचीन के इन्हीं संदर्भों को ध्यान में रखते हुए मानव जीवन मूल्यों पर काल के प्रभाव को देखते हैं हमारी कविता " प्राचीन से अर्वाचीन " में।