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Iqbal
Astitva
48 episodes
1 month ago
मुहम्मद इक़बाल मसऊदी (उर्दू: محمد اقبال‎) (जीवन: 9 नवम्बर 1877 – 21 अप्रैल 1938). उपनाम - अलामा इक़बाल। अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। 1904 - "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा " ग़ज़ल के लेखक।
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मुहम्मद इक़बाल मसऊदी (उर्दू: محمد اقبال‎) (जीवन: 9 नवम्बर 1877 – 21 अप्रैल 1938). उपनाम - अलामा इक़बाल। अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। 1904 - "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा " ग़ज़ल के लेखक।
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Episodes (20/48)
Iqbal
मेरा वतन वही है...!!!

मेरा वतन वही है...!!!

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4 years ago
1 minute

Iqbal
मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ू-मंदी !!!

मता-ए-बे-बहा है दर्द-ओ-सोज़-ए-आरज़ू-मंदी !!!

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4 years ago
1 minute

Iqbal
वो हर्फ़-ए-राज़ के मुझ को सिखा गया है जुनूँ

वो हर्फ़-ए-राज़ के मुझ को सिखा गया है जुनूँ..

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4 years ago
1 minute

Iqbal
न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए

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4 years ago
1 minute

Iqbal
वहीं मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी...

वहीं मेरी कम-नसीबी वही तेरी बे-नियाज़ी..

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4 years ago
1 minute

Iqbal
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है...

दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है

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4 years ago
1 minute

Iqbal
न तख़्त ओ ताज में ने लश्कर ओ सिपाह में है !!!

न तख़्त ओ ताज में ने लश्कर ओ सिपाह में है

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4 years ago
1 minute

Iqbal
मुझे आह-ओ-फ़ुग़ान-ए-नीम-शब का फिर पयाम आया...

मुझे आह-ओ-फ़ुग़ान-ए-नीम-शब का फिर पयाम आया

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4 years ago
1 minute

Iqbal
ख़ुदी की शोख़ी ओ तुंदी में किब्र ओ नाज़ नहीं...

ख़ुदी की शोख़ी ओ तुंदी में किब्र ओ नाज़ नहीं

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4 years ago
1 minute

Iqbal
अपनी जौलाँ-गाह ज़ेर-ए-आसमाँ समझा था मैं...

अपनी जौलाँ-गाह ज़ेर-ए-आसमाँ समझा था मैं

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4 years ago

Iqbal
हादसा वो जो अभी पर्दा-ए-अफ़लाक में है....

हादसा वो जो अभी पर्दा-ए-अफ़लाक में है....

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4 years ago

Iqbal
दयारे-इश्क़ में अपना मुक़ाम पैदा कर...

दयारे-इश्क़ में अपना मुक़ाम पैदा कर...

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4 years ago

Iqbal
ख़ुदा से हुस्न ने इक रोज़ ये सवाल किया_हकी़क़ते-हुस्न ...!!!

ख़ुदा से हुस्न ने इक रोज़ ये सवाल किया_हकी़क़ते-हुस्न ...!!!

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4 years ago

Iqbal
सितारों के आगे जहाँ और भी हैं....

सितारों के आगे जहाँ और भी हैं....

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4 years ago

Iqbal
मजनूँ ने शहर छोड़ा है सहरा भी छोड़ दे !!!

मजनूँ ने शहर छोड़ा है सहरा भी छोड़ दे

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4 years ago
1 minute

Iqbal
तू अभी रहगुज़र में है क़ैद-ए-मकाम से गुज़र...

तू अभी रहगुज़र में है क़ैद-ए-मकाम से गुज़र

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4 years ago

Iqbal
नहीं मिन्नत-कश-ए-ताब-ए-शनीदन दास्ताँ मेरी...

नहीं मिन्नत-कश-ए-ताब-ए-शनीदन दास्ताँ मेरी

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4 years ago

Iqbal
जुगनू

जुगनू

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4 years ago

Iqbal
ख़िरदमन्दों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है

ख़िरदमन्दों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है

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4 years ago

Iqbal
जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही

जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही

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4 years ago

Iqbal
मुहम्मद इक़बाल मसऊदी (उर्दू: محمد اقبال‎) (जीवन: 9 नवम्बर 1877 – 21 अप्रैल 1938). उपनाम - अलामा इक़बाल। अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। 1904 - "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा " ग़ज़ल के लेखक।