गिलोई :-
अपने आप को पर्यावरण के अनुकूलता मे ढालने के लिए :
ज्यादा से ज्यादा पानी के उपस्थिति चाहिए ।
मिट्टी की मात्रा कम भी हो तो चल जाती है ।फिर भी पौधा जो है वह मरता नहीं है ।
पत्तों में क्लोरोफिल की मात्रा कम हो जाती है परंतु ; वह जीवित रहते हैं हम इन्हें देख सकते हैं ।
शब्दों के इस्तेमाल से आदमी के व्यवहार का पत्ता चलता हैं।
बाजार में अकसर ऐसा देखने को नहीं मिलता की एक या कोई भी व्यक्ति अच्छे से बातचीत कर रहा हो ।
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मेहनत करना हमें चींटी से सीखना चाहिए |
चाहे वह चींटी और टिड्डा की कहानी ही क्यों ना हो । कहानी तो हम सब लोग जानते हैं । वैसे भी एक अकेली चींटी बहुत कुछ हमें सिखाती है ।
मेहनत करना
अपने साथियों का ख्याल रखना
अपने साथियों के साथ काम करना
मिलजुल कर सारे कामों को अच्छे से करना
कई प्रयासों के बावजूद थकना नहीं ।
इन सारी चीजों को जानने के बाद और देखने के बाद बिल्कुल ; मैं तो यह कह सकता हूं कि हमें चीटियों को देखना चाहिए और उन पर थोड़ा सा ध्यान देना चाहिए कि हम कुछ सीख सकें ।