
कथा सुनो सुभाष की, अदम्य स्वाभिमान की।
अज़ाद हिन्द फ़ौज के, पराक्रमी जवान की॥
अनन्य राष्ट्र प्रेम की, अतुल्य शौर्य त्याग की।
सहस्त्र लक्ष वक्ष में, प्रचंड दग्ध आग की॥
सशस्त्र युद्ध राह पे, सदैव वो रहा डटा।
समस्त विश्व साक्ष्य है, नहीं डरा नहीं हटा॥
असंख्य शत्रु देख के, गिरा न स्वेद भाल से।
अभीष्ट लक्ष्य के लिए, लड़ा कराल काल से॥
अतीव कष्ट मार्ग में, सुपुत्र वो नहीं रुका।
न लोभ मोह में फँसा, न शीश भी कभी झुका॥
स्वतंत्र राष्ट्र स्वप्न को, समस्त देश को दिखा।
कटार धार रक्त से, नवीन भाग्य भी लिखा॥
अभूतपूर्व शौर्य का, वृत्तांत विश्व ये कहे।
सुकीर्ति सपूत की, सुगंध सी बनी रहे॥
समान सूर्य चंद्र के, अमर्त्य दीप्त नाम है।
सुभाष चंद्र बोस को, प्रणाम है प्रणाम है॥
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Lyrics - Vivek Agarwal Avi
Music & Vocal - SunoAI