Welcome to 'Ek Bakhat Ki Baat', where we unravel the untold tales of pivotal historical moments that shaped the course of business and sports. In each episode, we navigate the twists of fate that altered the trajectory of the whole story. 'Ek Bakhat Ki Baat' invites you to witness the convergence of passion, strategy, and destiny that forever etched these extraordinary stories into the annals of human achievement. Embark on a voyage where the past becomes the present, and the present reshapes the future.
कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिनका मुकद्दर लम्हों में तय होता है. एक फ़ैसला, ज़िद्द या घटना वक्त की धार बदल देती है. ‘एक बखत की बात है’ में हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ ऐसी ही चुनिंदा ऐतिहासिक कहानियां, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे, “अगर तब वैसा न हुआ होता तो आज ऐसा न हुआ होता”.
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Welcome to 'Ek Bakhat Ki Baat', where we unravel the untold tales of pivotal historical moments that shaped the course of business and sports. In each episode, we navigate the twists of fate that altered the trajectory of the whole story. 'Ek Bakhat Ki Baat' invites you to witness the convergence of passion, strategy, and destiny that forever etched these extraordinary stories into the annals of human achievement. Embark on a voyage where the past becomes the present, and the present reshapes the future.
कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिनका मुकद्दर लम्हों में तय होता है. एक फ़ैसला, ज़िद्द या घटना वक्त की धार बदल देती है. ‘एक बखत की बात है’ में हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ ऐसी ही चुनिंदा ऐतिहासिक कहानियां, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे, “अगर तब वैसा न हुआ होता तो आज ऐसा न हुआ होता”.
1983 वर्ल्ड कप फाइनल – जब भारतीय क्रिकेट ने इतिहास रच दिया! लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की अगुवाई में भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना साकार किया. इसके पीछे एक गेंदबाज था, जिसने कपिल देव से ज़िद करके गेंदबाजी मांगी और फिर मैच का रुख पलट दिया, पूरी कहानी सुनिए नितिन ठाकुर के साथ 'एक बखत की बात' में.
केविन मिटनिक जिसे दुनिया का सबसे कुख्यात हैकर माना जाता है, जो साइबर सिक्योरिटी और सोशल इंजीनियरिंग का मास्टर था. उसने अपने असाधारण हैकिंग स्किल्स से 1990 के दशक में FBI को चकमा दिया और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं. जेल में समय बिताने के बाद, अपनी जिंदगी बदल दी और एक एथिकल हैकर और साइबर सुरक्षा सलाहकार बन गया लकिन वो शायद जेल भी न जाता अगर उसका सामना शिमी से न हुआ होता, सुनिए पूरी कहानी 'एक बखत की बात' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
वाटरलू की लड़ाई यूरोप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई. 1815 में नेपोलियन बोनापार्ट की सेना और यूरोपीय गठबंधन के बीच हुई इस लड़ाई ने फ्रांसीसी सम्राट की सत्ता को समाप्त कर दिया. एक गलती की वजह से कैसे नेपोलियन ये युद्ध हारा सुनिए, एक बखत की बात में.
भारत और चीन के बीच 1962 की लड़ाई के बारे में तो सब जानते हैं, जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन उसके पांच साल बाद, भारत और चीन एक बार फिर आमने-सामने थे। इस बार किसी युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक युद्ध में, जो लगभग युद्ध में बदलने ही वाला था. पहली बार भारत ने चीन को उसकी ही भाषा में जवाब दिया और बढ़त बनाई. क्या था पूरा किस्सा? सुनिए 'एक बखत की बात' में.
कुमार नारायण जासूसी कांड भारत का एक बड़ा विवाद था, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और सरकारी अधिकारियों पर जासूसी के आरोप लगे. 1950 और 60 के दशक में, यह मामला सामने आया कि कुमार नारायण, विदेशी एजेंसियों के लिए गुप्त जानकारी लीक कर रहा है. इस कांड ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया, जांच में पाया गया कि नारायण ने महत्वपूर्ण रक्षा और कूटनीतिक दस्तावेजों को साथ शेयर किया. इसे भारत का सबसे बड़े जासूसी मामलों में से एक माना जाता है, सुनिए ‘एक बखत की बात’ में पूरी कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
60 के दशक में बंगाल में कुछ ऐसा जलना शुरू हुआ जिसकी आग धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई और आज भी जल रही है। इसकी वजह से देश के 12 हजार नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है। कई सरकारें गिरी हैं। ऐसा क्या हुआ था? सुनिए पूरा किस्सा 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से.
दुनिया एडिसन को बल्ब बनाने वाले के रूप में जानती है. एडिसन ने डीसी करेंट सहित कई आविष्कार किए और उनके नाम सबसे ज़्यादा पेटेंट का रिकॉर्ड भी है लेकिन एडिसन ने अनजाने में ऐसा कुछ भी बनवा दिया, जो वह खुद नहीं चाहते थे. हम बात कर रहे हैं दुनिया की सबसे बड़ी फ़िल्म इंडस्ट्री, हॉलीवुड की. इसकी दिलचस्प कहानी सुनिए नितिन ठाकुर के साथ 'एक बखत की बात' में.
इस एपिसोड में सुनिए उस ब्लू ड्रेस की कहानी, जो दुनिया की सबसे मशहूर ब्लू ड्रेस बन गई. इसकी तस्वीरें मैगज़ीन के कवर पर छपीं, कोर्ट में उस पर बहस हुई और इसकी वजह से अमेरिका के राष्ट्रपति को टीवी पर आकर माफ़ी मांगनी पड़ी. इस ड्रेस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंसान के कैरेक्टर पर हमेशा के लिए एक दाग लगा दिया, क्या ख़ास है इस ब्लू ड्रेस में? जानिए 'एक बखत की बात' में, नितिन ठाकुर के साथ.
जब दुनिया में सिगरेट पीना आम बात नहीं थी, तब विश्व युद्धों ने इसे घर-घर तक कैसे पहुंचाया और सैनिकों को स्मोकिंग की लत कैसे लगाई. इसके पीछे सरकारों ने किस तरह ड्रग डीलर की तरह काम किया और जब दुनिया शांत हुई, तो स्मोकिंग को कूल बनाने के लिए विज्ञापनों का सहारा कैसे लिया गया. महिलाओं के लिए मशहूर सिगरेट कैसे पुरुषों की पहली पसंद बन गई. सिगरेट के इस इतिहास का पूरा किस्सा सुनिए नितिन ठाकुर के साथ ‘एक बखत की बात’ में.
दिल्ली पुलिस की एक टीम लोकल बिज़नेस मैन को मिल रही धमकी के मामले में फ़ोन टैप कर रही थी, फोन कॉल की रिकॉर्डिंग सुन रहे ऑन ड्यूटी ऑफ़िसर ने एक ऐसी आवाज़ सुनाई दी जिससे उसके कान खड़े हो गए, ये आवाज़ थी साउथ अफ्रीका के कैप्टन हैंसी क्रोनिया की थी, उससे पहले आउटलुक मैगज़ीन में ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर का एक इंटरव्यू छपा, जिसमें प्रभाकर ने दावा किया ऑफ़र दिया कि वो ख़राब खेलें, क्रोनिया के फोन और मनोज प्रभाकर के दावे में क्या लिंक है, सुनिए पूरा किस्सा 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से.
18 नवंबर, 1978 को अमेरिका में एक ऐसी घटना हुई, जिससे पूरा देश दहल गया. 6 हज़ार किलोमिटर दूर गवाना में 900 से ज़्यादा अमेरिकी नागरिकों को मौत हुई, उससे पहले एक सांसद को भी गोली मारा गया और इन सब के पीछे था एक इंसान जिम जोन्स. जिम जोन्स हज़ारों लोगों का भगवान था और अपने भक्तों के लिए धरती पर स्वर्ग बनाने का वादा किया था. फिर क्या हुआ जो 900 लोगों की जान चली गई, सुनिए पूरा किस्सा ‘एक बखत की बात’ में.
जमैका का एक व्यापारी पहली बार केला लेकर अमेरिका गया. देखते ही देखते अमेरिका में केले के लिए दीवानगी काफी बढ़ गई. मामला यहां तक जा पहुंचा कि ग्वाटेमाला में एक चुनी हुई सरकार गिर गई, उसके राष्ट्रपति के कपड़े उतरवाए गए और पूरे देश को दशकों तक राजनीति अस्थिरता के अंधेरे में धकेल दिया गया. कैसे हुआ ये सब, सुनिए पूरा किस्सा ‘एक बखत की बात’ में नितिन ठाकुर से.
प्रड्यूसर: कुंदन कुमार साउंड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी
ढाका शहर में रेस कोर्स मैदान पर कायदे आज़म मुहम्मद अली जिन्ना ने चिल्ला-चिल्ला कर कहा था. उर्दू ही पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा होगी और जो इसके ख़िलाफ़ है वो देश का दुश्मन है. बंगालियों ने उसी सभा में इशारा दे दिया था कि उन्हें जिन्ना की ये तकरीर पसंद नहीं आई उन्हें ये अपनी भाषा, संस्कृति और उस वफ़ादारी की तौहीन लगी, जो उन्होंने भारत से अलग देश पाकिस्तान बनाने में दिखाई थी. उसी दिन से ईस्ट पाकिस्तान और वेस्ट पाकिस्तान के बीच एक जंग की शुरुआत हो गई, सुनिए पूरा किस्सा नितिन ठाकुर से 'एक बखत की बात' में.
प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
पुलिस के पास ये पुख़्ता जानकारी थी कि एक बैंक में रॉबरी चल रही है. लेकिन कौन सा बैंक लूटा जा रहा है, कहां लूटा जा रहा है, कौन लूट रहा है, उसे ये नहीं पता था. इसलिए वो हर बैंक के दरवाज़े खुलवा रही थी. क्योंकि ये रविवार का दिन था सभी बैंक बंद भी थे तो ये काम और भी मुश्किल हो गया था. मैनेजर्स को घर से बुलवाया जा रहा था. बैंक के अंदर लॉकर तोड़ रहे चोरों को ये अंदाज़ा नहीं था कि पुलिस को इस चोरी के बारे में पता चल गया है, कैसे पुलिस को पता चला, चोरी कैसे हुई और इसका लंदन के रॉयल फैमली से क्या कनेक्शन है, सुनिए 'एक बखत की बात' में पूरी कहानी.
20 सालों तक भारत और अमेरिका के बीच रुई के बाद सबसे ज़्यादा फलने फुलने वाला बिज़नस था बर्फ, बॉस्टन में बैठा फ्रेड्रिक ट्युडोर इसी से दुनिया का Ice King बन गया लेकिन ये सब आसान नहीं था इस सफ़र में था बहुत सारा रोमांच, अनोखे आइडिया और जेल की कालकोठरी मगर ये कुछ न हुआ होता अगर 200 साल पहले एक नौजवान को झील के किनारे बैठे बैठे एक हैरतअंगेज़ बिज़नस आइडिया न आया होता, सुनिए पूरी कहानी 'एक बखत की बात' में.
प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
करीब 75 बरस पहले एक Ad Agency ने हीरा के लिए एक विज्ञापन तैयर किया था, जिसका असर ऐसा हुआ कि लोग शादी की अंगूठी के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ हीरा ही चुनते थे. डी बियर्स जिसका पहले से ही डायमंड मार्केट पर राज था, ग्राहक के दिमाग पर भी काबू पा लिया. साउथ अफ्रीका के खादान से शुरु हुआ ये सफ़र आज भी कैसे कायम है, सुनिए 'एक बखत की बात' में पूरा किस्सा नितिन ठाकुर से.
प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
दूसरे विश्वयुद्ध को अंत हुए 15 साल हो चुके थे. मित्र राष्ट्रों ने मिलकर एक संगठन बनाई थी NATO. जिसका एक मकसद सोवियत संघ के वर्चस्व को कंट्रोल करना और एक दूसरे की रक्षा करना था. इसके तहत ही अमेरिका ने इटली और टर्की के एयरबेस में न्युक्लियर वेपन इंस्टॉल किए थे, सोवियत संघ ने क्यूबा में परमाणु हथियार रख दिए थे और समुद्र में चार सबमरीन भी थे 'स्पेशल वेपन' से लैस. कॉल्ड वार की इस कहानी में एक मौका ऐसा भी आया जब न्यूक्लियर लॉन्च करने वाला बटन दबने ही वाला था, मगर एक ऑफ़िसर बीच में आ गया, सुनिए उसकी कहानी 'एक बखत की बात' में.
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
जूते और जॉर्डन की कहानी एक साथ शुरू हुई थी, नाइकी ने एक युवा खिलाड़ी पर भरोसा जताया था, जॉर्डन ने बदले में एयर जॉर्डन को दुनिया का सबसे बड़ा स्निकर ब्रैंड बनाया MJ और एयर जॉर्डन एक दूसरे के पर्याय थे.MJ से पहले स्निकर्स सिर्फ़ बास्केटबॉल खेलने के लिए पहना जाता था. अब ये फैशन का हिस्सा है और ये सब कैसे शुरू हुआ, सुनिए किस्सा 'एक बखत की बात' में जमशेद क़मर सिद्दिक़ी से.
वकालत से आर्देशिर गोदरेज का मन नहीं मिला, नौकरी ने भी उन्हें उत्साहित नहीं किया, जब पहला धंधा शुरू किया तो बिज़नेस पार्टनर से ठन गई. गोदरेज पहली सफ़लता के लिए बेचैन हो रहे थे. हर चीज़ को मौके की नज़र से देखते थे. आज हम जिसे आन्ट्रप्रनर कहते हैं, वो असल मायने में एक आन्ट्रप्रनर थे, उन्हें पहली सफ़लता मिली एक ख़बर की वजह से, क्या है पूरा किस्सा सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से.
एडोल्फ हिटलर के बाद का जर्मनी चार टुकड़ों में बांटा गया. विजेता अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और सोवियत यूनियन के बीच. राजधानी बर्लिन की भी चार फांकें की गईं.. लेकिन जब कुछ सालों बाद इन देशों की सेनाएं लौट गई तो जर्मनी के चार से दो ही हिस्से रह गए. एक हिस्सा वो जिसे पश्चिमी देश छोड़ गए.. जबकि दूसरा वो जिस पर अभी भी सोवियत यूनियन काबिज़ था.दोनों हिस्सों का एडमिनिस्ट्रेशन दो अलग अलग जर्मन चांसलर संभालते थे और इसे एक दीवार ने बर्लिन को बांट रखा था, इसके बनने और टूटने की कहानी सुनिए, एक बखत की बात में नितिन ठाकुर से.
Welcome to 'Ek Bakhat Ki Baat', where we unravel the untold tales of pivotal historical moments that shaped the course of business and sports. In each episode, we navigate the twists of fate that altered the trajectory of the whole story. 'Ek Bakhat Ki Baat' invites you to witness the convergence of passion, strategy, and destiny that forever etched these extraordinary stories into the annals of human achievement. Embark on a voyage where the past becomes the present, and the present reshapes the future.
कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिनका मुकद्दर लम्हों में तय होता है. एक फ़ैसला, ज़िद्द या घटना वक्त की धार बदल देती है. ‘एक बखत की बात है’ में हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ ऐसी ही चुनिंदा ऐतिहासिक कहानियां, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे, “अगर तब वैसा न हुआ होता तो आज ऐसा न हुआ होता”.