शबाना आज़मी के लफ़्ज़ों में कैफ़ी आज़मी की शायरी हौसलों और उम्मीदों की शायरी है। उनकी कोशिश यही रहती थी कि वे जो कुछ सोचते और महसूस करते हैं, वो आम लोगो तक पहुंचे। वे अपने दुख को दुनिया के तमाम लोगों से जोड़ लेते हैं और आप महसूस करते हैं कि उनकी शायरी में सिर्फ उनका नहीं, हमारा, आपका, सबका दिल धड़क रहा है। उनके संग्रह "दूसरा बनवास" के जरिए कुछ बेहतरीन नज़्में पेश हैं
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