जुर्म की गलियों की हर आहट पर नज़र रखने आ गया है नया पॉडकास्ट 'क्राइम ब्रांच' जिसमें हम आपको सुनाएंगे क्राइम की दुनिया के वो क़िस्से जो आप ने कभी नहीं सुने होंगे. सुनिए, एक अर्से से क्राइम की ख़बरें कवर करने वाले आजतक के सीनियर क्राइम रिपोर्टर अरविंद ओझा की खास बातचीत उन शख्सियतों से जो जुर्म की आहट सबसे करीब से सुनते हैं.
CRIME BRANCH, hosted by renowned journalist Arvind Ojha, features interviews with former IPS officers, police officers, senior crime journalists, lawyers, reformed criminals, and those wrongfully accused and acquitted. Each episode dives into their experiences with high-profile cases, providing unique insights into the world of crime and justice.
All content for Crime Branch is the property of Aaj Tak Radio and is served directly from their servers
with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
जुर्म की गलियों की हर आहट पर नज़र रखने आ गया है नया पॉडकास्ट 'क्राइम ब्रांच' जिसमें हम आपको सुनाएंगे क्राइम की दुनिया के वो क़िस्से जो आप ने कभी नहीं सुने होंगे. सुनिए, एक अर्से से क्राइम की ख़बरें कवर करने वाले आजतक के सीनियर क्राइम रिपोर्टर अरविंद ओझा की खास बातचीत उन शख्सियतों से जो जुर्म की आहट सबसे करीब से सुनते हैं.
CRIME BRANCH, hosted by renowned journalist Arvind Ojha, features interviews with former IPS officers, police officers, senior crime journalists, lawyers, reformed criminals, and those wrongfully accused and acquitted. Each episode dives into their experiences with high-profile cases, providing unique insights into the world of crime and justice.
एक दौर था, जब देश की सुरक्षा एजेंसियों को एक के बाद एक कई मामलों में असफलता मिल रही थी. तभी CBI के एक अफ़सर ने न केवल आतंकवादियों की नाक में दम कर दिया, बल्कि ‘गैंगस्टर डिप्लोमेसी’ में भारत की जीत की कहानी भी लिखी. राजस्थान कैडर के 1972 बैच के IPS अधिकारी, जिनकी सेवाएं CBI में लगभग दो दशकों तक रहीं, ने देश के सबसे पेचीदा मामलों की जांच की. चाहे वो आतंकवाद का मामला हो या फिर गैंगस्टर अबू सलेम और बबलू श्रीवास्तव का प्रत्यर्पण, हर जगह उनका अहम योगदान रहा. पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की गुत्थी सुलझाने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही. इस एपिसोड में IPS एम. एल. शर्मा ने क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा से इस बारे में बेबाकी से बात की है.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : सूरज सिंह
वर्दी पहनना आसान है, लेकिन उसे गरिमा से जीना एक कला है. और सुरेन्दर गुलिया जैसे अफ़सर उस कला के असली उस्ताद हैं. हरियाणा के एक छोटे से गांव से निकलकर दिल्ली पुलिस के ऊंचे पदों तक का सफर तय करने वाले सुरेन्दर गुलिया की कहानी सिर्फ एक अफ़सर की नहीं, एक सच्चे लीडर की है. 1986 में पुलिस सेवा में शामिल होने के बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच की Anti Human Trafficking Unit के प्रमुख रहते हुए 3500 से ज़्यादा केस सुलझाए, 100 लोगों की टीम को लीड किया और 4 करोड़ की फिरौती की रिकवरी करवाई. इस एपिसोड में पूर्व एसीपी सुरेन्दर गुलिया ने क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा को बताया कि जेएनयू के नजीब अहमद केस में क्या हुआ और मानव तस्करी के दुनिया कितनी काली है?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
कभी-कभी पुलिस की वर्दी सिर्फ़ क़ानून की रखवाली नहीं करती. वो सिस्टम के भीतर छिपे अंधेरे को भी रोशनी दिखाती है. 'क्राइम ब्रांच' के इस एपिसोड में हम आपको मिलवाएंगे एक ऐसी आईपीएस अधिकारी से, जिन्होंने न सिर्फ ₹100 करोड़ के बीमा घोटाले का पर्दाफाश किया, बल्कि उन चेहरों को भी बेनकाब किया जो सिस्टम के भीतर बैठकर मौत का सौदा कर रहे थे. इनका नाम है अनुकृति शर्मा. 2020 बैच की आईपीएस अफ़सर, जो इस वक्त उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के साउथ ज़ोन की एसपी हैं.इस एपिसोड में आईपीएस अनुकृति शर्मा ने क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा को बताया कि यह स्कैम कैसे सामने आया, इसे किस तरह अंजाम दिया जा रहा था और इसके पीछे कौन-कौन शामिल था.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : सूरज सिंह
जिसे दुनिया ‘अपराध’ कहती है, अनुजा कपूर उसे मनोविज्ञान की नज़र से देखती हैं. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में मिलिए अनुजा कपूर से. जो Criminology, Psychology और Victimology में डिग्रीधारी हैं. वो अपराध को सिर्फ़ कानून की किताबों से नहीं, इंसान के भीतर झांक कर समझती हैं. उनका मानना है कि अपराधी सिर्फ़ समाज में नहीं, हमारे भीतर भी छिपा हो सकता है. इस एपिसोड में क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा ने अनुजा कपूर से पूछा कि पति-पत्नी का झगड़ा हिंसक रूप क्यों ले रहा है? क्या अपराधी जन्म से होते हैं या परिस्थितियां उन्हें ऐसा बना देती हैं? और क्या अपराधियों को सुधारा जा सकता है?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में आज हम मिलवाने जा रहे हैं आपको एक ऐसे शख़्स से, जिन्हें लोग ‘डिटेक्टिव गुरु’ कहते हैं…राहुल राय गुप्ता. इन्होंने अब तक सैकड़ों केस सॉल्व किए हैं. चाहे मामला एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर का हो, कॉरपोरेट फ्रॉड का या फिर किसी CEO की इमेज का…राहुल राय गुप्ता हर तरह की जासूसी में माहिर हैं. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा ने राहुल राय गुप्ता से कई अहम सवाल पूछे. उन्होंने पूछा कि एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर के केस समाज के किस वर्ग से ज़्यादा आते हैं? क्या महिलाओं के एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर बढ़ रहे हैं? और आख़िर रिश्तों में बात कहां और क्यों बिगड़ रही है?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रज़ा ने ‘क्राइम ब्रांच’ में खुलासा किया है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने डीजी आईएसआई के जरिए पहलगाम में आतंकी हमला करवाया. उन्होंने उन सबूतों पर भी बात की, जिनके आधार पर वह यह दावा कर रहे हैं. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा ने आदिल रज़ा से पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के कनेक्शन पर सवाल किए. उन्होंने पाक आर्मी चीफ़ आसिम मुनीर के मंसूबों और उन्हें मिल रही चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
मेघालय के दिल दहला देने वाले राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब चारों आरोपी सलाखों के पीछे हैं. हनीमून के नाम पर शिलॉंग लाकर कारोबारी राजा रघुवंशी की बेरहमी से हत्या कर दी गई. और इसी क्राइम सीन वेइसाडोंग फॉल्स से क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा ने रिकॉर्ड किया है ‘क्राइम ब्रांच’ का ये एपिसोड. इस एपिसोड में उन्होंने न सिर्फ सोनम के किलर प्लान को डिकोड किया है, बल्कि बुर्के वाली साजिश का भी पर्दाफाश किया है.
19 साल की उम्र में, जब हम में से ज़्यादातर लोग अपने करियर और भविष्य को लेकर सोचते हैं...उस उम्र में एक नौजवान, दुश्मन के बंकरों पर चढ़ाई कर रहा था. गोलियों की बौछार हो रही थी, शरीर से खून बह रहा था...लेकिन उसके इरादे चट्टानों से भी ज़्यादा मज़बूत थे. वो ना रुका, ना झुका...और उस चढ़ाई के बाद जो तिरंगा तोलोलिंग पर लहराया गया, वो सिर्फ एक पहाड़ी पर नहीं था. वो पूरे हिंदुस्तान के दिलों पर लहराया गया. आज हमारे साथ हैं कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में, क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा ने कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव से कारगिल युद्ध की एक-एक डिटेल पूछी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
मेजर जनरल दुष्यंत सिंह, भारतीय सेना के एक जांबाज़ और सीनियर अधिकारी रहे हैं. दिसंबर 1981 में इन्हें ‘मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट’ की 9वीं बटालियन में कमीशन मिला. तीन दशकों से ज़्यादा लंबे करियर में इन्होंने जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों में बटालियन, ब्रिगेड और फिर डिवीजन की कमान संभाली. देश की सबसे खास सुरक्षा यूनिट… NSG यानी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड में, उन्होंने दो बार बड़ी ज़िम्मेदारियां निभाईं. पहले डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑपरेशंस और फिर इंस्पेक्टर जनरल ऑपरेशंस के तौर पर. भारत की तरफ़ से वो यूनाइटेड नेशंस मिशन का हिस्सा भी रहे और सेना के सबसे बड़े ट्रेनिंग सेंटर….आर्मी वॉर कॉलेज के कमांडेंट भी बने. उनके बेहतरीन नेतृत्व और सेवा के लिए उन्हें ‘अति विशिष्ट सेवा मेडल’ और ‘परम विशिष्ट सेवा मेडल’ जैसे सम्मान मिले. साल 2016 में जब पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ, तब मेजर जनरल दुष्यंत सिंह NSG के डिप्टी कमांडेंट के तौर पर ऑपरेशन की कमान संभाल रहे थे. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में, क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा ने मेजर जनरल दुष्यंत सिंह से पठानकोट ऑपरेशन की एक-एक डिटेल पूछी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
बीएसएफ के जांबाज़ अफसर नरेंद्र नाथ धर दुबे की कहानी किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है. गोरखपुर के एक गांव से निकलकर इस बहादुर अधिकारी ने 2003 में कुख्यात आतंकी गाज़ी बाबा के खिलाफ ऑपरेशन को लीड किया. सात गोलियां लगने के बावजूद दुबे डटे रहे, और आज भी उनके शरीर में एक गोली मौजूद है. जो उनके बलिदान की स्थायी निशानी है. इन्हीं की सच्ची कहानी पर आधारित है फिल्म Ground Zero, जिसमें इमरान हाशमी ने उनका किरदार निभाया है. लेकिन फिल्म से भी ज्यादा असरदार है वो कहानी, जो खुद अफसर की ज़ुबानी सुनने को मिलती है. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में, क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा ने बीएसएफ अफसर नरेंद्र नाथ धर दुबे से पूछी Ground Zero की असली कहानी.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : सूरज सिंह
एक पूर्व लश्कर-ए-तैयबा के ओजीडब्ल्यू (On-Ground Worker) ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने बताया कि आतंकियों को स्थानीय स्तर पर किस तरह समर्थन मिलता है, ओजीडब्ल्यू कैसे चुने जाते हैं और हमलों को अंजाम देने में उनकी क्या भूमिका होती है. वो अब अपने अतीत पर शर्मिंदा है और मानता है कि हाल ही में पहलगाम जैसे हमले ओजीडब्ल्यू की मदद के बिना मुमकिन नहीं हो सकते थे. अरविंद ओझा ने उससे ‘क्राइम ब्रांच’ में बातचीत की है.
प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : सूरज सिंह
क्राइम ब्रांच के इस एपिसोड में हमारे साथ हैं दिल्ली पुलिस के पूर्व एडिशनल कमिश्नर अशोक चांद, जिनका नाम भारत की सुरक्षा एजेंसियों में सम्मान के साथ लिया जाता है. 1983 से 2015 तक की अपनी सेवा अवधि में उन्होंने संसद हमला, लाल किला हमला और जामा मस्जिद धमाके जैसे कई बड़े आतंकी मामलों की जांच की. इस एपिसोड में उन्होंने अरविंद ओझा को बताया कि आतंकी अबू जुंदाल ने उनसे क्या-क्या खुलासे किए थे? साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद हमारे इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी सिस्टम में क्या-क्या बदलाव किए गए?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
रिश्तों में कत्ल अब कोई नई बात नहीं रह गई है. आजकल देशभर से रोज़ ऐसी ख़बरें सामने आती हैं, जहां कभी पति ने पत्नी की हत्या कर दी, तो कहीं पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटा दिया. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में अरविंद ओझा आपको लेकर चलेंगे मेरठ और नोएडा की एक सच्ची घटना की ओर..जहां प्यार के बदले मिला सिर्फ धोखा. ये कहानी है उस शक़ की, जिसने एक घर तोड़ दिया और ज़िंदगी छीन ली.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
1996 से 1998 तक में दिल्ली-एनसीआर में हुए 40 सीरियल बम ब्लास्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. चारों तरफ डर, चीख-पुकार और खौफ का माहौल था. लेकिन इस तबाही के पीछे जो नाम सामने आया, उसने सबको चौंका दिया. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में हमारे साथ हैं दिल्ली पुलिस के पूर्व DCP और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रविशंकर कौशिक, जिन्होंने इस केस की तह तक सच्चाई को सामने लाया. उन्होंने अरविंद ओझा को बताया कि दिल्ली ब्लास्ट्स की शुरुआत कैसे हुई, कैसे पुलिस को मिली पहली बड़ी लीड और कैसे पुलिस ने इस खतरनाक नेटवर्क को उजागर किया?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
विकास वैभव 2003 बैच के बिहार के जाने-माने आईपीएस अधिकारी हैं, जो न सिर्फ कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए जाने जाते हैं, बल्कि शिक्षा, रोज़गार और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए भी कार्यरत हैं. उन्होंने 'लेट्स इंस्पायर बिहार' मुहिम की शुरुआत की, जिससे अब तक लाखों लोग जुड़ चुके हैं. विकास वैभव ने बिहार में क्राइम कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाई है. वो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जहां उन्होंने कई बड़े मामलों की जांच की. उनके लिखे ब्लॉग 'साइलेंट पेजेस' और 'कॉप इन बिहार' काफ़ी चर्चित हैं. वो सोशल मीडिया पर भी काफ़ी लोकप्रिय हैं और अक्सर युवाओं से संवाद करते हैं. उन्होंने जनता दरबार और पुलिस-पब्लिक मीटिंग्स के ज़रिए आम लोगों से जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने की पहल की है. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में वे हमारे मेहमान हैं. अरविंद ओझा ने उनसे बिहार में अपराध, नक्सलवाद और अनंत सिंह से जुड़े सवाल पूछे, जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
आज हमारे साथ हैं एक ऐसी मशहूर शख्सियत, जिन्होंने न सिर्फ यूपी पुलिस की कमान संभाली, बल्कि आतंकवाद और गैंगस्टरों के खिलाफ कई ऑपरेशन्स को अंजाम दिया. हम बात कर रहे हैं पूर्व आईपीएस अधिकारी और यूपी के पूर्व डीजीपी, विक्रम सिंह जी की. जिनके नाम से कभी मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद भी खौफ खाता था. जिन्होंने आतंकी उमर शेख काे पकड़ा और खालिस्तानियों को पंजाब से खींचकर लाए. 1974 में आईपीएस में शामिल हुए विक्रम सिंह ने अपने करियर में कई चुनौतीपूर्ण मोड़ देखे. जून 2007 से सितंबर 2009 तक उन्होंने यूपी पुलिस के सर्वोच्च पद, DGP की जिम्मेदारी संभाली. उनके नेतृत्व में यूपी पुलिस ने आतंकवाद और अपराध के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन्स को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. मई 2010 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी विक्रम सिंह जी ने शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में अपना योगदान जारी रखा है. ‘क्राइम ब्रांच’ के इस एपिसोड में अरविंद ओझा ने विक्रम सिंह से पूछा कि उन्होंने आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ इतने बड़े ऑपरेशन्स कैसे किए और किन चुनौतियों का सामना किया?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
देश के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों की गहरी पड़ताल करने वाले पूर्व डीजीपी और 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी अमोद कुमार कंठ इस बार क्राइम ब्रांच में हमारे खास मेहमान हैं. उन्होंने देश के कुछ सबसे संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच को अंजाम दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या, 1984 के सिख विरोधी दंगे, उपहार सिनेमा अग्निकांड, जेसिका लाल मर्डर केस और बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन केस जैसी घटनाओं की तह तक जाने में उनकी अहम भूमिका रही है. इस खास एपिसोड में हम जानेंगे कि उन्होंने राजीव गांधी हत्या केस कैसे सुलझाया था?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
कैप्टन राकेश वालिया भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और लेखक हैं. उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी. बचपन में अनाथ होने के बावजूद, उन्होंने न सिर्फ भारतीय सेना में जगह बनाई, बल्कि कॉरपोरेट दुनिया में भी सफलता हासिल की. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज झूठे रेप केस को खारिज कर दिया, जिससे उनके संघर्ष और सच्चाई की जीत साबित हुई. क्राइम ब्रांच के इस एपिसोड में कैप्टन राकेश वालिया हमारे गेस्ट हैं. अरविंद ओझा ने उनसे पूछा कि वो उन्हें कैसे फंसाया गया था और उन्हें कैसे न्याय मिला.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
आर.के. यादव भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के पूर्व अधिकारी हैं. उन्होंने भारतीय खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिया और कई महत्वपूर्ण मिशनों पर काम किया है. अपने अनुभव को उन्होंने "Mission R&AW" नाम की किताब में लिखा है. इस किताब में भारत की गुप्तचर एजेंसी के इतिहास, उसके काम करने के तरीके और कई मिशन के बारे में जानकारी दी गई है. क्राइम ब्रांच के इस एपिसोड में आर.के. यादव गेस्ट हैं. उन्होंने अरविंद ओझा के हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी साउड मिक्सिंग: रोहन भारतीय
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद और यूपी एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष बृज लाल का नाम भारतीय पुलिस सेवा में कड़े फैसलों और बेहतरीन प्रशासन के लिए जाना जाता है. 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी के रूप में, उन्होंने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को संभालते हुए 19 एनकाउंटर्स को अंजाम दिया और तीन दशकों तक प्रदेश की अहम घटनाओं के साक्षी रहे. क्राइम ब्रांच के इस एपिसोड में बृजलाल हमारे गेस्ट हैं. अरविंद ओझा ने उनसे पूछा कि मुख्तार अंसारी माफिया कैसे बना, बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी की दुश्मनी की वजह क्या है और पूर्वांचल में गैंगवार कैसे शुरू हुआ?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
जुर्म की गलियों की हर आहट पर नज़र रखने आ गया है नया पॉडकास्ट 'क्राइम ब्रांच' जिसमें हम आपको सुनाएंगे क्राइम की दुनिया के वो क़िस्से जो आप ने कभी नहीं सुने होंगे. सुनिए, एक अर्से से क्राइम की ख़बरें कवर करने वाले आजतक के सीनियर क्राइम रिपोर्टर अरविंद ओझा की खास बातचीत उन शख्सियतों से जो जुर्म की आहट सबसे करीब से सुनते हैं.
CRIME BRANCH, hosted by renowned journalist Arvind Ojha, features interviews with former IPS officers, police officers, senior crime journalists, lawyers, reformed criminals, and those wrongfully accused and acquitted. Each episode dives into their experiences with high-profile cases, providing unique insights into the world of crime and justice.