
पेशावर की भीड़भाड़ में दाख़िल होता है ‘क़ाशिफ़ अली’ — एक भगोड़ा हथियार तस्कर, जो अपना वजूद बचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हक़ीक़त में वह है अर्जुन राठौड़, RAW का प्रशिक्षित ऑपरेटिव, जो इस बार दुश्मन की ज़मीन पर है।
मक़सद साफ़ है: चरमपंथियों के बीच भरोसा जीतना और भारत पर हमले की साजिश को नाकाम करना।
शुरुआती परीक्षा में उसे एक निर्दोष को मारने को कहा जाता है। एक झूठी गोली, एक नकली जाम और अर्जुन का पहला बड़ा धोखा—और उसी से शुरू होती है एक खतरनाक घुसपैठ।
कभी आग के सामने बैठकर झूठे किस्से सुनाने पड़ते हैं, कभी शराब के इनकार को भी चरित्र-परख बनाकर पेश करना पड़ता है।
हर दिन एक झूठ, हर रात एक नई परछाईं।
RAW को भेजी गई गुप्त सूचनाएं भारत में एक बड़े आतंकी हमले को टाल देती हैं, लेकिन मिशन अभी खत्म नहीं हुआ।
जब दुश्मन के सबसे खतरनाक गढ़—क़बायली इलाकों—में उसे घुसना पड़ता है, अर्जुन को पता चलता है कि आतंक की ये जड़ें गहरी हैं… और इनकी शाखाएं ब्लॉकचेन से होकर जाती हैं।
🔥 सुनिए कैसे एक झूठी पहचान के सहारे अर्जुन एक पूरी आतंकवादी नेटवर्क को ढहाता है, लेकिन अपनी आत्मा का एक टुकड़ा वहीं छोड़ आता है।
🎧 परछाईं का यह मिशन अब और गहरा हो चुका है…