चलो सुनते हैं बोंडापुर की अजीबो ग़रीब कहानी! एक था राजकुमार जिसको किसी भी प्रकार का खाना पसंद नहीं आता है।एक दिन रसोईया उसे कुछ अलग चीज़ खाने को देता है...एक गरमा गरम सुनहरा गोला, बाहर से कुरकुरा, अंदर से नरम नरम...एक बोंडा! इसके बाद ना तो राजकुमार को रोक पाना आसान है और न ही इस मस्त कहानी को जिसका अंत एक स्वादिष्ट बोंडे की तरह ही है। चलिए सुनते हैं इस रसीली, चटपटी और मज़ेदार कहानी, बातूनी किताब की ज़ुबानी!
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