दिग्गज बनने पर दैनिक दर्शन। "अपनी ज्वाला को बुझने न दें, अभी तक के निराशाजनक दलदल में अपूर्णीय चिंगारी द्वारा चिंगारी को, अभी नही और बिल्कुल नहीं। आपने अंदर के नायक के जीवन का अकेलेपन के आशा भंग में, नाश न होने दें, जिस जीवन के आप योग्य है, पर वहाँ तक कभी पहुँच नही पाए। जिस जीवन की आप कामना करते हैं, उसे जीता जा सकता है। वह अस्तित्व में है। वास्तविक है। संभव है। वह आप ही का है।" _Ayn Rand
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