गंगा की कहानी मेरी ज़ुबानी !
लेखन : कैलाश-गौतम
बोल : वसु
अक्सर हमें बस अपने सुख-दुःख दिखाई देते हैं, परन्तु कभी-कभी हमें खुद से परे भी सोचना चाहिए !
चलिए फिलहाल इस एपिसोड को सुनिए और सोचिये की क्या बरसात का ये पहलु कभी सोचा था अपने ?
क्या आपका वर्क फ्रॉम होम आपका सारा समय ले रहा है और आपके पास अपने लिए समय नहीं बचा है? अगर ऐसा है तो यह लेख विशेष रूप से आपके और आपके सभी दोस्तों और परिवार के लिए है जो इसी मुद्दे से गुजर रहे हैं... शेयर शेयर शेयर करें दोस्तों !!
आपके घर ने आपको बहुत कुछ दिया हैं, पर क्या आपने उसकी एहमियत को सही मायने में समझा है ?
इस कोविड -19 समय के दौरान, ऐसे कई क्षण होते हैं जहाँ हम अपने प्रियजनों या किसी ऐसे दोस्त के बारे में सोचते हैं जो दूर है और जिन लोगों को हम जानते हैं वे अलग होगये हैं !! केवल यह मत सोचिये, फोन उठाइये, एक संदेश टाइप करिये, उन्हें कॉल करिये, बस अपने प्रियजनों से जुड़िये। उनसे पूछिए कि क्या वे ठीक हैं ?