रमा ने बड़े संकोच के साथ कहा, ‘विश्वास मानिए, मैं बिलकुल खाली हाथ हूँ। मैं तो आपसे रुपये माँगने आया था। मुझे बड़ी सख्त जरूरत है। वह रुपये मुझे दे दीजिए, मैं आपके लिए कोई अच्छा-सा हार यहीं से ला दूँगा। मुझे विश्वास है, ऐसा हार सात-आठ सौ में मिल जाएगा।’”