मेरे सामने वो सारे रास्ते होंगे,
और इरादे वहीं खड़े हँसते होंगे.
ख़र्चों की फ़ेहरिस्त,
तुम्हें भेजी है परसों
नक़ाब के पीछे चेहरा होगा ही नहीं ,
यक़ीन ज़िंदगी पे कभी होगा ही नहीं .
उठ के चल देगा ऐसा लगता है
वो हमें छोड़ेगा ऐसा लगता है
मैं भागता हुआ दुनिया की ज़द में आ जाऊँ ..
आपका ये कहने में क्या जाता है?
Humko ghar ka matlab bataya gaya hai