
मेरे क्या हो तुम: तुम ज़िंदगी हो या जुनून? राहत हो या बेचैनी? यह कविता उस अद्वितीय रिश्ते को समर्पित है जो हर परिभाषा को तोड़ देता है। यह वह प्रश्न है जो दिल बार-बार दोहराता है, जब कोई व्यक्ति आपके लिए सब कुछ बन जाता है, पर उसे कोई नाम देना मुश्किल हो। मेरा सब कुछ होने वाले, तुम मेरे लिए क्या हो?