
वक़्त (Waqt): बदलती दुनिया में अटल रहने का साहस। यह कविता एक व्यक्तिगत शपथ है कि मेरी भावनाएँ और मेरा साथ, समय की तरह क्षणभंगुर (ephemeral) नहीं हैं। जब सब कुछ अस्थायी हो, तब उस एक स्थायी और सच्चे रिश्ते की खोज जो हर परिवर्तन को नकार दे। "मैं वक़्त नहीं हूँ जो बदल जाऊँ।"