
#vartikananda #tinkajailradio #gangubaikathiawadi गंगुबाई काठियावाड़ी मुंबई के रेड लाइट एरिया में काम करने वाली गंगुबाई पर संजय लीला भंसाली की फिल्म है। इस फिल्म को देखते हुए मैं जीबी रोड की उन गलियों की तरफ बरबस खींची चली गई जिन्हें मैंने 1998 के आसपास बहुत करीब से देखा था। एक दिन मैं और दिल्ली पुलिस की एक महिला अधिकारी रिक्शे में वहां पर गए थे। हम दोनों ने तकरीबन पूरा दिन जीबी रोड में गुजारा था। दूसरी बार मैं टेलीविजन की एक कैमरा टीम के साथ वहां गई थी। उसके बाद मैंने इसी टीवी चैनल के दफ्तर में रहते हुए कई महीनों तक एक उपन्यास को लिखा जो काफी हद तक पूरा हो गया था लेकिन उसे कुछ वजहों से मैंने वहीं रोक दिया लेकिन जीबी रोड की वो तंग गलियां मेरे दिमाग पर हावी रहीं। बाद में भी अपराध बीट की प्रमुख के तौर पर स्याह-सफेद कई पगडॉडियां दिखती रहीं। अपराध पर ही पीएचडी करने और फिर जेलों पर उपजे- तिनका तिनका- में जीबी रोड के अंश बने रहे। कई ऐसी महिलाएं भी मेरे संपर्क में रहीं जो जेल से छूटने के बाद इन कोठों पर पहुंच गईं क्योंकि समाज ने उन्हें स्वीकार नहीं किया था। वे एक जेल से निकलीं और दूसरी जेल में पहुंच गईं। बहुत ही कम लोगों को इस बात का अहसास था कि जेल पर मेरे काम को एक बड़ा हिस्सा जीबी रोड को देखने और महसूस करने के उस अनुभव से निकला था।