Home
Categories
EXPLORE
True Crime
Comedy
Society & Culture
Business
Sports
History
TV & Film
About Us
Contact Us
Copyright
© 2024 PodJoint
00:00 / 00:00
Sign in

or

Don't have an account?
Sign up
Forgot password
https://is1-ssl.mzstatic.com/image/thumb/Podcasts114/v4/39/ae/72/39ae7231-3e4d-bfee-aa39-524bbba26a91/mza_3561334285822977847.jpg/600x600bb.jpg
Suno Kahaniyan
Poonam
328 episodes
5 days ago
https://youtube.com/channel/UCoDc0x0zXDhO1toAzIHWrUg
Show more...
Books
Arts
RSS
All content for Suno Kahaniyan is the property of Poonam and is served directly from their servers with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
https://youtube.com/channel/UCoDc0x0zXDhO1toAzIHWrUg
Show more...
Books
Arts
https://d3t3ozftmdmh3i.cloudfront.net/production/podcast_uploaded_nologo/11688483/11688483-1609595086711-acbae90d1a323.jpg
Ek Nav Ke Yatri ;Gulser Khan Shaani
Suno Kahaniyan
34 minutes 19 seconds
3 years ago
Ek Nav Ke Yatri ;Gulser Khan Shaani
https://youtu.be/6xxWaTuuAIc कीर्ति मारे उत्सुकता के फिर खड़ी हो गई. यह पाँचवी मरतबा था, लेकिन इस बार लगा कि सीटी की आवाज सचमुच दूर से काफी नजदीक होती आ रही है और गाड़ी प्लेटफार्म में प्रवेश करे, इसमें अधिक देर नहीं... घबराहट से चेहरे का पसीना पोंछने के लिए उसने रूमाल टटोला. नहीं था. बेंच पर छूटने की भी कोई संभावना नहीं थी. जल्दी-जल्दी यही होता है, उसने सोचा. वह साड़ी से ही मुँह पोंछना चाहती थी, लेकिन तभी यक-ब-यक सारे प्लेटफार्म में मुसाफिरों तथा सामान लदे कुलियों की भगदड़ मच गई - 'हेलो!' सहसा उसी समय अपने कंधे पर पड़े स्पर्श से कीर्ति चौंकी. चौंकी ही नहीं, धक्क-सी रह गई. क्षण के छोटे से खंड में लगा था कि कहीं रज्जन ही न हो, पर थीं वे मिसेज मित्तल. रॉ-सिल्क की आसमानी साड़ी में अच्छी तरह कसी-कसाई और चुस्त. किसी विदेशी सेंट की बहुत भीनी खुशबू एक क्षण के लिए हवा में ठहर गई थी. 'अरे!' कीर्ति ने जल्दी से हाथ जोड़े, 'कहाँ जा रही हो?' 'भोपाल,' मिसेज मित्तल ने इतने सहज भाव में कहा जैसे उनका भोपाल जाना रोज-रोज की बात हो, 'और तुम!' उनकी आँखें बार-बार कंपार्टमेंट की ओर बढ़ते अपने कुली की ओर लगी हुई थीं. 'रज्जन आ रहा है.' मिसेज मित्तल के नए रूप वाले प्रभाव से मुक्त होने के लिए कीर्ति एक साँस में कह गई. वैसे पिछले कई घंटे से यह वाक्य उसे भीतर-भीतर तंग जरूर कर रहा था लेरकिन इस पल मिसेज मित्तल के अतिरिक्त वह और कोई बात नहीं सोच रही थी. बरसों बाद उन्हें इतना सिंगार-पटार किए कीर्ति देखे और खुद उनकी जबानी भोपाल जाने की बात सुने तो फिर अविश्वास की कहाँ गुंजाइश रह जाती है! 'अच्छा!' रज्जन की बात सुनकर एक पाँव से जमीं और दूसरे से उखड़ती हुई मिसेज मित्तल ने अपनी आँखों को और फैला लिया, पूछ रही थीं, 'इस गाड़ी से?' 'हाँ?'
Suno Kahaniyan
https://youtube.com/channel/UCoDc0x0zXDhO1toAzIHWrUg