
यह हैरतअंगेज़परिवर्तन संघ के स्वयंसेवकों द्वारा संचालित सेवा समर्पण समिति की वर्षों की अथक मेहनतका नतीजा था। समिति द्वारा 10 वर्षों से संचालित वन टीचर स्कूल ने न सिर्फ कबूतरा समाज केबच्चों में पढ़ने की आदत विकसित की बल्कि उनके माता-पिता को भी समाज की मुख्य धारा का हिस्सा बनाया।