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Panno se Parde tak , Popcorn / Pages by Prachi
Prachi
18 episodes
5 days ago
अलार्म सुने हैं, बस...ये वही है। लालटेन की तरह आप मेरे इस पॉडकास्ट को कभी भी जलाएं ,आपको यहां पर मिलेगा बहुत कुछ। यह कुछ भी हो सकता है। किस्सा,कहानी,किताब और सिनेमा के साथ कलाकार। सिर्फ 2 मिनट में सुनो.. थोड़ा सुन तो लो....😊
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अलार्म सुने हैं, बस...ये वही है। लालटेन की तरह आप मेरे इस पॉडकास्ट को कभी भी जलाएं ,आपको यहां पर मिलेगा बहुत कुछ। यह कुछ भी हो सकता है। किस्सा,कहानी,किताब और सिनेमा के साथ कलाकार। सिर्फ 2 मिनट में सुनो.. थोड़ा सुन तो लो....😊
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Book Review- अनुराधा बेनीवाल अपनी किताब आजादी मेरा ब्रांड
Panno se Parde tak , Popcorn / Pages by Prachi
1 minute 50 seconds
1 year ago
Book Review- अनुराधा बेनीवाल अपनी किताब आजादी मेरा ब्रांड
क्यों नहीं चलने देते तुम मुझे? मैं चलते-चलते जैसे चीखने लगती हूं, क्यों इतना मुश्किल है एक लड़की का अकेले घर से निकल कर चल पाना? मैं ये आजादी लिए बिना नहीं जाऊंगी। ये सारे सवाल हर उस लड़की के जीवन का हिस्सा है, जो समाज की घुटन से आजाद होने का प्रयास कर रही है। उन सभी की आवाज को अपनी लेखनी के जरिए बयां किया है अनुराधा बेनीवाल अपनी किताब आजादी मेरा ब्रांड के जरिए। अनुराधा बेनीवाल ने अपनी इस किताब में सिर्फ अकेली लड़की के यूरोप के 13 देशों की घूमने की कहानी बयां नहीं की है, बल्कि वो ये बता रही हैं कि एक लड़की धरती पर नहीं रहती, बल्कि समाज में रहती हैं। ऐसा समाज जो शहर हो या गांव एक लड़की का अकेले सड़क पर चलना बर्दाश्त नहीं सकता। यूरोप घूमते हुए जिस तरह अनुराधा ने महिलाओं को आजादी और सम्मान का आईना दिखाया है, वह उनकी सरल लिखावट और सोच में साफ झलकता है। अपनी किताब के जरिए लेखिका समाज को बदलने की चिंगारी नहीं जला रही हैं, बल्कि हर महिला को घुमक्कड़ी करना सीखा रही हैं। वो बता रही हैं कि अगर तुम लड़की हो, तो अपने गांव में घूमो, गांव में घूम नहीं पा रही, तो शहर में घूमो, इस समाज में नहीं घूम पा रही हो, तो अपनी सोच की दुनिया में घूमो, लेकिन घूमो जरूर, क्योंकि यही असली आजादी है, विचारों की आजादी, खुद से मिलने की आजादी, बेपरवाह होने की आजादी। आजादी आजाद होने की। खुल कर चलने की। खुली हवा में सांस लेने की आजादी। अब आप इतना, तो समझ गए होंगे कि ये किताब सिर्फ एक ट्रैवल गाइड नहीं है, बल्कि ये किताब असल मायने में बताती है कि तू छोरी नहीं है, तू आजाद है और उड़ सकती है। फिलहाल, इस किताब को पढ़ने के लिए यही सबसे बड़ी वजह है कि ये किताब नहीं एक खत है, आजाद देश की आजाद लड़कियों के लिए।
Panno se Parde tak , Popcorn / Pages by Prachi
अलार्म सुने हैं, बस...ये वही है। लालटेन की तरह आप मेरे इस पॉडकास्ट को कभी भी जलाएं ,आपको यहां पर मिलेगा बहुत कुछ। यह कुछ भी हो सकता है। किस्सा,कहानी,किताब और सिनेमा के साथ कलाकार। सिर्फ 2 मिनट में सुनो.. थोड़ा सुन तो लो....😊