
महासागर जलमंडल का प्रमुख भाग है। यह खारे पानी का विशाल क्षेत्र है। यह पृथ्वी का 96.6भाग अपने आप से ढांके रहता है (लगभग ३६.१ करोड वर्ग किलोमीटर)| जिसका आधा भाग ३००० मीटर गहरा है।
पृथ्वी केवल ठोस पदार्थ से ही नहीं बनी है, बल्कि जल से भी भरी हुई है । भूमि का प्रतिशत तो केवल 29 ही है । जबकि पृथ्वी की सतह का 71 प्रतिशत भाग पानी से भरा हुआ है। इसलिए पृथ्वी की आन्तरिक संरचना के अन्तर्गत महासागरों की आन्तरिक संरचना को भी समझना आवश्यक हो जाता है ।
पहले महासागरों के तल को समतल माना जाता था । लेकिन अब इसके प्रत्यक्ष साक्ष्य मिले हैं कि उसके तलों में भी ठीक उसी तरह की विविधता होती है, जैसी कि पृथ्वी के ऊपर के धरातल में विविधताएं होती हैं । इसीलिए मसागरों के अन्दर के विविध रूपों के नाम भी पृथ्वी के ऊपर पाये जाने वाले रूपों के अनुसार ही दिये गये हैं । समझने और याद रखने की दृष्टि से ऐसा करना अधिक व्यावहारिक था ।
फ़रवरी 2021 करंट अफेयर्स मासिक पत्रिका