"लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में , हज़ारो रंग के नजारे बन गए " सब जानते हैं कि ये है रफ़ी साहब का एक बहुत ही खूबसूरत गाना ,और यकीं मानियेगा जनाब इमोशंस से लबरेज़ हर चिट्ठी भी एक गाने के जितनी इतनी ही खूबसूरत होती है और मैं यानि की आपकी चिट्ठी वाली छोरी लेकरआई हूँ ऐसी कुछ बोलती चिट्ठियां ,और सबसे ख़ास बात ये सारी चिट्ठियां होंगी उन बेज़ुबान चीजों के नाम जो हमारे सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी जो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं, एक खामोश सा किस्सा हैं |
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"लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में , हज़ारो रंग के नजारे बन गए " सब जानते हैं कि ये है रफ़ी साहब का एक बहुत ही खूबसूरत गाना ,और यकीं मानियेगा जनाब इमोशंस से लबरेज़ हर चिट्ठी भी एक गाने के जितनी इतनी ही खूबसूरत होती है और मैं यानि की आपकी चिट्ठी वाली छोरी लेकरआई हूँ ऐसी कुछ बोलती चिट्ठियां ,और सबसे ख़ास बात ये सारी चिट्ठियां होंगी उन बेज़ुबान चीजों के नाम जो हमारे सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी जो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं, एक खामोश सा किस्सा हैं |
इस पॉडकास्ट में दिल ऐ मुज़्तरिब ने पूछा एक आसान सा सवाल - "कैसा था आज आपका दिन ?" सुनिए दिन एक और जुबां अनेक ( साथ में एक फ्री सलाह ये सवाल "और बताओ ,और बताओ से १० गुना बेहतर है ,आप भी पूछिएगा अपने से और अपनों से )
Likhe Jo Khat Tujhe
"लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में , हज़ारो रंग के नजारे बन गए " सब जानते हैं कि ये है रफ़ी साहब का एक बहुत ही खूबसूरत गाना ,और यकीं मानियेगा जनाब इमोशंस से लबरेज़ हर चिट्ठी भी एक गाने के जितनी इतनी ही खूबसूरत होती है और मैं यानि की आपकी चिट्ठी वाली छोरी लेकरआई हूँ ऐसी कुछ बोलती चिट्ठियां ,और सबसे ख़ास बात ये सारी चिट्ठियां होंगी उन बेज़ुबान चीजों के नाम जो हमारे सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी जो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं, एक खामोश सा किस्सा हैं |