"लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में , हज़ारो रंग के नजारे बन गए " सब जानते हैं कि ये है रफ़ी साहब का एक बहुत ही खूबसूरत गाना ,और यकीं मानियेगा जनाब इमोशंस से लबरेज़ हर चिट्ठी भी एक गाने के जितनी इतनी ही खूबसूरत होती है और मैं यानि की आपकी चिट्ठी वाली छोरी लेकरआई हूँ ऐसी कुछ बोलती चिट्ठियां ,और सबसे ख़ास बात ये सारी चिट्ठियां होंगी उन बेज़ुबान चीजों के नाम जो हमारे सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी जो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं, एक खामोश सा किस्सा हैं |
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"लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में , हज़ारो रंग के नजारे बन गए " सब जानते हैं कि ये है रफ़ी साहब का एक बहुत ही खूबसूरत गाना ,और यकीं मानियेगा जनाब इमोशंस से लबरेज़ हर चिट्ठी भी एक गाने के जितनी इतनी ही खूबसूरत होती है और मैं यानि की आपकी चिट्ठी वाली छोरी लेकरआई हूँ ऐसी कुछ बोलती चिट्ठियां ,और सबसे ख़ास बात ये सारी चिट्ठियां होंगी उन बेज़ुबान चीजों के नाम जो हमारे सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी जो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं, एक खामोश सा किस्सा हैं |
In this series, Likhe Jo Khat Tujhe will write a letter to overused and underrated the object of my day to day life.
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Likhe Jo Khat Tujhe
"लिखे जो खत तुझे वो तेरी याद में , हज़ारो रंग के नजारे बन गए " सब जानते हैं कि ये है रफ़ी साहब का एक बहुत ही खूबसूरत गाना ,और यकीं मानियेगा जनाब इमोशंस से लबरेज़ हर चिट्ठी भी एक गाने के जितनी इतनी ही खूबसूरत होती है और मैं यानि की आपकी चिट्ठी वाली छोरी लेकरआई हूँ ऐसी कुछ बोलती चिट्ठियां ,और सबसे ख़ास बात ये सारी चिट्ठियां होंगी उन बेज़ुबान चीजों के नाम जो हमारे सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी जो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं, एक खामोश सा किस्सा हैं |