ख़ास अन्दाज़ जब सुखन का ना हो
शायरी, शायरी नहीं होती।
वेद राही जी का ये शेर उतना ही ख़ूबसूरत हैं , जितना की सच। इसलिए हम लाए हैं तमाम दुनिया के शायरां और शायरों के ख़्वाब-ओ-ख़याल, सिर्फ़ रेडियो के बच्चन (@rjpeeyushsingh) की आवाज़ में।
आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है रेडियो नशा प्रोडक्शन |
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ख़ास अन्दाज़ जब सुखन का ना हो
शायरी, शायरी नहीं होती।
वेद राही जी का ये शेर उतना ही ख़ूबसूरत हैं , जितना की सच। इसलिए हम लाए हैं तमाम दुनिया के शायरां और शायरों के ख़्वाब-ओ-ख़याल, सिर्फ़ रेडियो के बच्चन (@rjpeeyushsingh) की आवाज़ में।
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S2E16 | और बेशक़ ज़माने ने उसे "औरत" कहा- Shaad Aarfi
Khayal
11 minutes
4 years ago
S2E16 | और बेशक़ ज़माने ने उसे "औरत" कहा- Shaad Aarfi
आज का ख्याल शाद आरफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'देख कर शेर ने उसको नुक्ता-ए-हिकमत कहा,और बेशक़ ज़माने ने उसे "औरत" कहा' | शाद आरफ़ी की गिनती उर्दू के महत्वपूर्ण शायरों में होती है। उन्होंने ग़ज़ल-नज़्म दोनों ही विधाओं में रचना की। शाद एक संवेदनशील व्यक्ति थे, उनकी शायरी में पायी जाने वाली संवेदना ख़ुद उनकी ज़िंदगी के अनुभवों से भी आयी है |
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ख़ास अन्दाज़ जब सुखन का ना हो
शायरी, शायरी नहीं होती।
वेद राही जी का ये शेर उतना ही ख़ूबसूरत हैं , जितना की सच। इसलिए हम लाए हैं तमाम दुनिया के शायरां और शायरों के ख़्वाब-ओ-ख़याल, सिर्फ़ रेडियो के बच्चन (@rjpeeyushsingh) की आवाज़ में।
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