जानें कैसे ग्रहों की स्थिति और गोचर आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं:
- तुला लग्न और सूर्य: तुला लग्न में, सूर्य का मेष राशि में कैसा फल होगा? नीच का या उच्च का? जानें इसके बारे में।
- सिंह लग्न और वक्री मंगल: सिंह लग्न में वक्री मंगल पर से राहु का गोचर और राहु में मंगल की दशा, क्या फलित होगा? जानें इसके बारे में।
- अष्टम भाव परिवर्तन: अष्टम भाव परिवर्तन का है, लेकिन ये कैसे जाने की यह परिवर्तन जातक के लिए शुभ रहेगा या अशुभ (भौतिक सुख को ध्यान में रखते हुए)? जानें इसके बारे में।
- नक्षत्र परिवर्तन: क्या नक्षत्र परिवर्तन को राशि परिवर्तन की तरह ही देखना चाहिए? जानें इसके बारे में।
- मंगल और वृश्चिक राशि: मंगल एक अग्नि तत्व ग्रह है, फिर एक जल तत्व राशि वृश्चिक का स्वामी क्यूं है और यह कैसे फल देगा? जानें इसके बारे में।
जानें कैसे कुंडली से आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं का पता लगाया जा सकता है:
- आध्यात्मिक जीवनसाथी: कुंडली में आध्यात्मिक जीवनसाथी मिलने के योग कौन से हैं? जानें इसके बारे में।
- दूसरे घर का स्वामी नीच: दूसरे घर का स्वामी यदि नीच हो तो क्या व्यक्ति को घर से दूर जाकर ही उन्नति मिलेगी? अगर हां, तो किस क्षेत्र या दिशा में जाना चाहिए?
- कालसर्प दोष और गुरुदेव: क्या गुरुदेव कालसर्प दोष पर विश्वास करते हैं? अगर हां, तो इसका क्या प्रभाव देखने को मिला है? जानें इसके बारे में।
जानें कैसे ज्योतिष के विभिन्न पहलू आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं:
- सूक्ष्मता और दुख: कौन से योग व्यक्ति को सूक्ष्मता से चीजों को देखने के लिए मजबूर करते हैं और इसके परिणामस्वरूप दुखी रहने की संभावना है?
- उपाय और उनका प्रभाव: क्या ज्योतिषीय उपाय सच में काम करते हैं या इनका सिर्फ साइकोलॉजिकल इंपैक्ट होता है? जानें इसके बारे में।
- लग्न और लग्नेश: लग्न और लग्नेश में से किसके बल को अधिक महत्व देना चाहिए? इन दोनों के फलित में क्या अंतर है? जानें इसके बारे में।
जानें कैसे 88वें नवांश का उपयोग करके आप अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं:
- दशम भाव में क्रूर ग्रह: दशम भाव में क्रूर ग्रह कहां बुरे परिणाम देते हैं? जानें इसके बारे में।
- 88वा नवांश: 88वें नवांश की गणना और उपयोगिता क्या है? जानें इसके बारे में।
- प्रश्न तंत्र में उपयोगिता: प्रश्न तंत्र में 88वें नवांश की क्या भूमिका है? जानें इसके बारे में।
- चन्द्र कुंडली में महत्व: चन्द्र कुंडली में भी 88वें नवांश से ग्रहों के गोचर को देखना क्यों जरूरी है?
- 88वे नवांश में बैठे ग्रह: 88वें नवांश में बैठे ग्रह को कैसे देखें और इसके परिणाम क्या होंगे?
- भाव चलित और 88वा नवांश: भाव चलित और 88वें नवांश के बीच क्या संबंध है? जानें इसके बारे में।
जानें कैसे कुंडली से विभिन्न पहलुओं का पता लगाया जा सकता है:
- व्यक्तिगत विशेषताएं: कुंडली से व्यक्ति के रंग, लंबाई और अन्य विशेषताओं का कैसे पता लगाया जा सकता है?
- ग्रहों का समूह: एक ही भाव में 5 ग्रह होने का क्या अर्थ है और इसके परिणाम क्या होंगे?
- जीवनसाथी से मुलाकात: कुंडली से कैसे जानें कि आप अपने जीवनसाथी से पहली बार कहाँ मिलेंगे?
- ग्रह युद्ध: क्या यह सच है कि ग्रह युद्ध में शुक्र कभी नहीं हारता? जानें इसके पीछे के कारण।
- काल पुरुष कुंडली: काल पुरुष कुंडली में दशमेश और कर्म के कारक शनि को दशमांश कुंडली में कैसे देखा जाता है? जानें इसके बारे में।
जानें कैसे ज्योतिष के विभिन्न पहलू आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं:
- जीरो डिग्री के ग्रह: जीरो डिग्री पर स्थित ग्रह किस प्रकार के फल देते हैं? जानें इसके बारे में।
- पराक्रम और भाग्य: ज्योतिष में पराक्रम और भाग्य का महत्व क्या है? क्या पराक्रम या भाग्य अधिक महत्वपूर्ण है?
- नवांश का महत्व: षोडशवर्गों में नवांश को सबसे अधिक महत्व क्यों दिया गया है? जानें इसके पीछे के कारण।
- योग कारक और मारक ग्रह: अगर कोई योग कारक और मारक ग्रह पीड़ित हो तो उसका नेगेटिव प्रभाव कहां अधिक होगा? जानें इसके बारे में।
ज्योतिष के शौकीनों के लिए उपयोगी जानकारी। आइए जानते हैं इन विषयों पर विस्तार से। #ज्योतिष #नवांश #पराक्रम #भाग्य
जानें कैसे कुंडली से अपने इष्ट देवता और भक्ति के प्रकार का पता लगाया जा सकता है:
- इष्ट देवता और नवधा भक्ति: कुंडली से कैसे जानें कि कौन सी भक्ति आपके लिए अनुकूल है?
- विदेश सेटलमेंट और यात्रा: कुंडली में विदेश सेटल होने और विदेश घूमने के योगों में अंतर क्या है?
- विदेश की परिभाषा: ज्योतिष में विदेश किसे मानते हैं और इसके क्या मायने हैं?
ज्योतिष के शौकीनों के लिए उपयोगी जानकारी। आइए जानते हैं इन विषयों पर विस्तार से। #ज्योतिष #कुंडली #विदेश #भक्ति
जानें कैसे ग्रहों की स्थिति आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है:
- नीच ग्रह के नुकसान: नीच ग्रह जातक को कहां नुकसान दे सकते हैं? जानें इसके बारे में।
- चन्द्र कुंडली और जन्म कुंडली: चन्द्र कुंडली और जन्म कुंडली से कारक अकारक ग्रहों का महत्व और प्रभाव।
- उच्च भंग का नियम: ग्रह के उच्च भंग का नियम और इसके परिणाम।
- नीच का बुध और उच्च का शुक्र: नीच का बुध उच्च के शुक्र के साथ कैसा फल देगा? जानें इसके बारे में।
- अष्टकवर्ग और षडबल: अष्टकवर्ग में कम बिंदु होने पर भी भावेश के षडबल में अच्छा होने का फल।
- नीच भंग और अशुभ फल: पूर्णतः नीच भंग होने पर क्या ग्रह कोई भी अशुभ फल नहीं देगा? जानें इसके बारे में।
- नीचता उच्चनाथ से भंग: नीचता उच्चनाथ से भंग होने और नीच ग्रह के भाव में उच्च ग्रह होने का परिणाम।
- पारिजात योग: पारिजात योग क्या है और इसके परिणाम क्या होते हैं?
जानें कैसे ग्रहों की स्थिति आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है:
- वृश्चिक लग्न में नीच का बुध: वृश्चिक लग्न में नीच का बुध उच्च के शुक्र के साथ होने पर 5वें, 7वें और 11वें भाव का क्या फल होगा?
- अकारक ग्रह का नीच भंग: कुंडली में अकारक ग्रह के नीच भंग का क्या फलित होगा? जानें इसके बारे में।
- मिथुन लग्न में नीच का मंगल: मिथुन लग्न के दूसरे भाव में नीच के मंगल का फलित क्या होगा? जानें इसके बारे में।
इन विषयों पर चर्चा करके, आप अपने जीवन में ग्रहों के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और अपने भविष्य को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं।
जानें कैसे नीच ग्रह आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं और इसके प्रभाव को कैसे समझा जा सकता है:
- नीच ग्रह और राशि परिवर्तन: राशि परिवर्तन में नीच ग्रह का प्रभाव और नीच भंग की संभावना
- नीच ग्रह क्या होता है: नीच ग्रह की परिभाषा और इसके प्रभाव को समझें
- नीच ग्रह के फल: नीच ग्रह कैसे फल देते हैं और इसके परिणाम
- नीच ग्रह के अच्छे फल: कब ग्रह नीच होकर भी अच्छे फल दे सकते हैं
- नवांश में नीच ग्रह: जन्म कुंडली में नीच ग्रह लेकिन नवांश में स्वराशि या उच्च राशि का प्रभाव
- नीच वर्गोत्तम का फल: नीच वर्गोत्तम का फल और इसके परिणाम
- षडबल और विंशोपक बल: ग्रह नीच हो लेकिन षडबल और विंशोपक बल में अच्छा स्थित हो तो प्रभाव
जानें कैसे ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है:
- नीच भंग राजयोग: यदि कोई ग्रह नीच का होकर भी केंद्र में स्थित हो तो फल देने में सक्षम होता है। जानें कैसे नीच भंग राजयोग आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है।
- विपरीत राजयोग: मीन लगन के जातक के लिए आठवें भाव का स्वामी शुक्र छठे भाव में पीड़ित होने पर क्या विपरीत राजयोग बनाता है? जानें इसके बारे में।
- डी9 परिणाम: डी9 परिणाम देने की क्षमता को कैसे बदलता है? जानें कैसे नवांश कुंडली आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है।
- अस्त ग्रह: क्या अस्त ग्रह की दृष्टि होती है? जानें कैसे अस्त ग्रह आपके जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
- आदित्य हृदय स्तोत्र: आदित्य हृदय स्तोत्र क्यों पढ़ना चाहिए? जानें इसके लाभ और महत्व।
- लग्नेश और उच्च: मतदान - किस लग्न में लग्नेश छठे भाव में उच्च का हो जाता है? जानें इसके बारे में।
- संतान प्राप्ति: पंचमेश शुक्र 10वें घर में उच्च का है लेकिन 5वें घर में राहु है, सूर्य उच्च का है। संतान प्राप्ति के लिए क्या कहा जा सकता है? जानें इसके बारे में।
- सभी ग्रह केंद्र में: सभी ग्रह केंद्र में होने पर क्या उम्मीद करें? जानें कैसे ग्रहों की स्थिति आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है
जानें कैसे ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है:
- षड्बल स्थिति का आसान तरीका: क्या आप जानते हैं कि षड्बल स्थिति को एक नज़र में आंकने का कोई आसान तरीका है? जानें इसके बारे में और समझें कि कैसे यह आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है।
- एक ज्योतिषी की सफलता: एक ज्योतिषी को सफल बनाने के लिए कौन सा भाव और ग्रह जिम्मेदार होते हैं? जानें इसके बारे में और समझें कि कैसे आप अपनी कुंडली में इन ग्रहों को मजबूत बना सकते हैं।
- नक्षत्र के कारन पालित में बदलाव: नक्षत्र के कारन पालित में कितना बदलाव आ सकता है? जानें इसके बारे में और समझें कि कैसे आप अपने नक्षत्र के अनुसार अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
- 4 ग्रहों की युति का फलादेश: 4 ग्रहों की युति का फलादेश कैसे कर सकते हैं? जानें इसके बारे में और समझें कि कैसे आप अपनी कुंडली में इन ग्रहों की युति का लाभ उठा सकते हैं।
- वैवाहिक जीवन में समस्याएं: कन्या लग्न में गुरु 5वें भाव में शुक्र और मंगल के साथ और 7वें भाव में शनि है। लग्नेश चतुर्थ में। वैवाहिक जीवन में समस्याएं क्यों आ रही हैं? जानें इसके बारे में और समझें कि कैसे आप अपने वैवाहिक जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
- उपाय और समाधान: जानें कैसे आप अपनी कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूत बना सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
- बृहस्पति के परिणाम: कब बृहस्पति लग्न में अच्छे परिणाम नहीं देता? जानें इसके बारे में और समझें कि कैसे आप बृहस्पति के प्रभाव को अपने जीवन में सकारात्मक बना सकते हैं।
- मतदान और शुक्र: किस लग्न में चौथे घर में शुक्र अच्छा नहीं है? जानें इसके बारे में और समझें कि कैसे आप अपनी कुंडली में शुक्र के प्रभाव को समझ सकते हैं
जानें कैसे ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है:
- नवांश कुंडली में वक्री ग्रह: क्या वाकई नवांश कुंडली में वक्री ग्रह का प्रभाव होता है? जानें इसके पीछे के विज्ञान को।
- लग्न और लग्नेश में अंतर: लग्न और लग्नेश के बीच क्या अंतर है और कैसे यह आपके जीवन को प्रभावित करते हैं?
- भाव मध्य के नक्षत्र स्वामी की दशा: किसी भाव के भाव मध्य के नक्षत्र स्वामी की दशा पर विचार करना क्यों जरूरी है?
- मेष लग्न में बृहस्पति, शनि और मंगल: मेष लग्न में इन ग्रहों की स्थिति क्या प्रभाव डालती है? जानें इसके बारे में।
- लग्नेश और आत्म कारक ग्रह: यदि लग्नेश और आत्म कारक ग्रह एक ही हो तो इसका क्या अर्थ है? अच्छा या बुरा?
- ज्योतिषीय आधार को मजबूत बनाने के लिए पुस्तकें: कुछ बेहतरीन पुस्तकें जो आपके ज्योतिषीय ज्ञान को बढ़ा सकती हैं
जानें कैसे नीच ग्रह वृत्तोत्तम अच्छे या बुरे हो सकते हैं और उनके प्रभाव को कैसे समझा जा सकता है:
- नीच ग्रह वृत्तोत्तम: जब कोई ग्रह नीच राशि में होता है, लेकिन वृत्तोत्तम स्थिति में भी होता है, तो इसका प्रभाव कमजोर हो सकता है। जानें कैसे इस स्थिति में ग्रहों का प्रभाव निर्धारित किया जा सकता है
- लाग्नेश अष्टम में होने पर रत्न धारण: यदि लग्नेश अष्टम भाव में हो तो रत्न धारण करने से पहले ग्रहों की स्थिति और बल का विश्लेषण करना आवश्यक है। जानें कैसे रत्न धारण करने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है
- मिथुन लग्न में शनि-मंगल की दशा: मिथुन लग्न में शनि और मंगल की दशा के दौरान जातक के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? जानें कैसे इस दशा के दौरान जीवन की चुनौतियों का सामना किया जा सकता है
ज्योतिष से संबंधित प्रमुख विषय:
- ग्रहों का प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और उनकी स्थिति को समझें
- रत्न धारण: रत्न धारण करने के नियम और लाभ
- दशा और अंतरदशा: दशा और अंतरदशा के दौरान ग्रहों का प्रभाव और फलादेश
जानें कैसे जन्म कुंडली में सहधर्मी और सम्बन्धी के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है:
- जन्म कुंडली में सहधर्मी: 7वें भाव और ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण
- सम्बन्धी और रिश्तेदार: 3रे, 4थे और 9वें भाव का महत्व
- ग्रहों का प्रभाव: बृहस्पति, शुक्र, मंगल और शनि का रिश्तों पर प्रभाव
- कुंडली मिलान: दो व्यक्तियों की कुंडलियों का मिलान और रिश्ते की अनुकूलता
ज्योतिष से संबंधित प्रमुख विषय:
- कुंडली विश्लेषण: जानें कैसे कुंडली के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है
- रिश्ते और ज्योतिष: जन्म कुंडली और रिश्तों के बीच संबंध को समझें
- ग्रहों का प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और उनकी स्थिति को समझें
#ज्योतिष #Astrology #जन्मकुंडली #सहधर्मी #सम्बन्धी #रिश्ते #कुंडलीमिलान #ग्रहोंकाप्रभाव
जानें कैसे ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है, जैसे कि:
- मिथुन लग्न में तीसरे भाव में 5 ग्रहों का प्रभाव
- राहु और केतु के पुष्कर नवांश में होने के परिणाम
- महाभाग्य योग क्या है और इसके प्रभाव
- 5वें भाव में केतु का मंत्र साधना के लिए प्रभाव
- धनु लग्न में 5वें और 9वें भाव के स्वामियों की अदला-बदली का प्रभाव
- लग्नेश और सप्तमेश दोनों के 7वें भाव में होने के परिणाम
- कर्क लग्न में 5वें और 9वें भाव के स्वामियों की स्थिति और शुक्र-बृहस्पति महादशा में सरकारी नौकरी की संभावना
- वृषभ लग्न में विष योग और ग्रहों की स्थिति का विवाह पर प्रभाव
- धन देने वाले भावों में से कौन सा भाव सबसे कम शामिल है
- बृहस्पति का गोचर किन ग्रहों पर अशुभ होता है
- शनि के 10वें भाव में होने के पीछे के कारण
ज्योतिष से संबंधित प्रमुख विषय:
- कुंडली विश्लेषण: जानें कैसे कुंडली के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है
- ग्रहों का प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और उनकी स्थिति को समझें
- योग और दोष: विशिष्ट योग और दोष के प्रभाव को समझें और इसके परिणामों को जानें
- गोचर और महादशा: ग्रहों के गोचर और महादशा के प्रभाव को समझें
#ज्योतिष #Astrology #कुंडलीविश्लेषण #ग्रहोंकाप्रभाव #योग #दोष #गोचर #महादशा #सरकारीनौकरी #विवाह #धन
जानें कैसे ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है, जैसे कि:
- मकर लग्न में चौथे भाव में बृहस्पति का प्रभाव
- D81 कुंडली में विवाह की संभावनाएं
- सिंह लग्न में 10वें भाव के स्वामी का 6वें भाव में प्रभाव
- वृषभ लग्न में तीन ग्रहों के वक्री होने के परिणाम
- मिथुन लग्न में राहु और मंगल की युति का प्रभाव
- दो उच्च ग्रहों के बीच 15 डिग्री से कम दूरी का प्रभाव
- सिंह लग्न में 12वें भाव में बृहस्पति और शुक्र की युति का प्रभाव
- लग्न डिग्री के पुष्कर नवांश में होने के परिणाम
- सिंह लग्न में शनि और शुक्र की स्थिति का करियर पर प्रभाव
- मीन लग्न में शनि और केतु की युति का प्रभाव
- जन्म समय की शुद्धि के तरीके
- 7वें भाव के स्वामी के 4थे भाव में जाने का विवाह पर प्रभाव
- मीन लग्न में बृहस्पति और चंद्र की युति का प्रभाव
ज्योतिष से संबंधित प्रमुख विषय:
- कुंडली विश्लेषण: जानें कैसे कुंडली के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है
- ग्रहों का प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और उनकी स्थिति को समझें
- योग और दोष: विशिष्ट योग और दोष के प्रभाव को समझें और इसके परिणामों को जानें
#ज्योतिष #Astrology #कुंडलीविश्लेषण #ग्रहोंकाप्रभाव #योग #दोष #जन्मसमयशुद्धि #विवाह #करियर
जानें कैसे ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है, जैसे कि:
- मेष लग्न में चंद्र केतु और शुक्र राहु की युति का प्रभाव और माता और बहू के रिश्ते पर इसका प्रभाव
- भाव संधि में ग्रहों का प्रभाव और उनकी प्रभावशीलता
- वृत्तोत्तम ग्रहों का प्रभाव जब वे मृत अवस्था में होते हैं
- प्राकृतिक पाप ग्रहों का 10वें भाव में प्रभाव और उनके संबंधों का परिणाम
- D1 और D9 कुंडली से जीवनसाथी के स्वभाव और व्यवहार का विश्लेषण
ज्योतिष से संबंधित प्रमुख विषय:
- कुंडली विश्लेषण: जानें कैसे कुंडली के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है
- ग्रहों का प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और उनकी स्थिति को समझें
- योग और दोष: विशिष्ट योग और दोष के प्रभाव को समझें और इसके परिणामों को जानें
- जीवनसाथी और संबंध: जीवनसाथी के स्वभाव और व्यवहार का विश्लेषण और संबंधों में सुधार के तरीके
#ज्योतिष #Astrology #कुंडलीविश्लेषण #ग्रहोंकाप्रभाव #योग #दोष #जीवनसाथी #संबंध
जानें कैसे ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है, जैसे कि:
- चाची और मामी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कौन सा भाव और ग्रह देखें
- कोरोना की तीसरी लहर के लिए गोचर का प्रभाव
- मकर लग्न में अष्टमेश के लग्न में होने के परिणाम, साथ ही शुक्र और बुध के वक्री होने का प्रभाव
- चंद्र कुंडली में अधि योग और शक्त योग का प्रभाव और इसके परिणाम
- शनि से 12वें भाव के प्रभाव और इसके परिणामों की जानकारी
ज्योतिष से संबंधित प्रमुख विषय:
- कुंडली विश्लेषण: जानें कैसे कुंडली के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है
- ग्रहों का प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और उनकी स्थिति को समझें
- योग और गोचर: विशिष्ट योग और गोचर के प्रभाव को समझें और इसके परिणामों को जानें
#ज्योतिष #Astrology #कुंडलीविश्लेषण #ग्रहोंकाप्रभाव #योग #गोचर #मकरलग्न #शनि #चंद्रकुंडली
जानें कैसे ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है, जैसे कि:
- 12वें भाव में ग्रहों का प्रभाव और उच्च ग्रहों की भूमिका
- केन्द्र और त्रिकोण में ग्रहों का प्रभाव
- उच्च शनि और केतु की युति का प्रभाव
- राहु और केतु के साथ ग्रहों की युति और डिग्री का प्रभाव
- विशिष्ट योग जैसे विश्कुम्भ योग और मात्र दोष का प्रभाव
- मेष लग्न में 6वें भाव में दो पाप ग्रहों का प्रभाव और इसके परिणाम
ज्योतिष से संबंधित प्रमुख विषय:
- कुंडली विश्लेषण: जानें कैसे कुंडली के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया जा सकता है
- ग्रहों का प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के प्रभाव और उनकी युति को समझें
- योग और दोष: विशिष्ट योग और दोष के प्रभाव को समझें और इसके परिणामों को जानें
#ज्योतिष #Astrology #कुंडलीविश्लेषण #ग्रहोंकाप्रभाव #विश्कुम्भयोग #मात्रदोष #योग #दोष