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Hayat
Deeksha Jalodiya(Hayat Podcast)
19 episodes
1 day ago
Zindagi se zindagi bhar ki baate
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Performing Arts
Arts
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All content for Hayat is the property of Deeksha Jalodiya(Hayat Podcast) and is served directly from their servers with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
Zindagi se zindagi bhar ki baate
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Performing Arts
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Episodes (19/19)
Hayat
Raman Raghav

murder case

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2 months ago
2 minutes 8 seconds

Hayat
Raman Raghav

Episode 2

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2 months ago
2 minutes 22 seconds

Hayat
Raman Raghav

muder mystery

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2 months ago
3 minutes 2 seconds

Hayat
RJ Hayat Ki Awaz Se

इस पहले एपिसोड में सुनिए — discrimination के उस पहलू को,

जो हमारी ज़िंदगी में इतने गहरे बैठ चुका है कि हमें अब वो ज़हर नहीं, ज़रूरत लगने लगा है।


ये सिर्फ़ मेरी नहीं, शायद आपकी भी कहानी है।


सुनिए… महसूस कीजिए… और सवाल उठाइए।

क्योंकि 'चुप रहना' अब कोई विकल्प नहीं।""Hayat" का दूसरा एपिसोड एक आईने की तरह है — जो उन चेहरों को दिखाता है जिन्हें दुनिया अक्सर अनदेखा कर देती है। ये कहानी सिर्फ शब्दों की नहीं, एक ऐसी लड़की की आवाज़ है जो भीड़ में भी गुम नहीं होती, लेकिन कोई सुनता भी नहीं।


इस एपिसोड में Hayat खुद अपने अंदर झाँकती है —

वो सवाल पूछती है जो हर लड़की ने कभी न कभी खुद से पूछे होंगे,

वो दर्द बांटती है जिसे किसी डायरी के पन्नों से आगे कभी जगह नहीं मिली।

ये कहानी है चुप रह जाने के खिलाफ़ बग़ावत की,

एक असली लड़की की असली ज़िंदगी की,

जिसे अब कोई कैरेक्टर नहीं चाहिए — बस एक आवाज़ चाहिए जो कहे:

"Main hi to hoon..."


अगर तुमने कभी खुद को अकेला महसूस किया हो,

अगर कभी तुम्हारी आवाज़ दबा दी गई हो,

तो ये एपिसोड तुम्हारे लिए है।


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4 months ago
2 minutes 55 seconds

Hayat
RJ Hayat Ki Awaz Se
**"क्या आपने कभी सिर्फ़ लड़की होने की क़ीमत चुकाई है? या कभी किसी ने आपको आपकी जात, धर्म, कपड़े या आवाज़ की वजह से जज किया है? Hayat — एक ऐसा सफ़र है, जो उन ख़ामोश चीख़ों को आवाज़ देगा, जिन पर समाज ने पर्दा डाल रखा है।
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4 months ago
2 minutes 51 seconds

Hayat
About Hayat
"Hayat" — ज़िंदगी। सुनने में यह एक खूबसूरत सा लफ़्ज़ है। इसकी जड़ें अरबी और उर्दू से आती हैं, जिसका अर्थ होता है "जीवन" या "अस्तित्व"। यह लफ्ज़ सिर्फ सांसों का नाम नहीं, बल्कि जज़्बातों, ख्वाबों, उम्मीदों और संघर्षों का एक सिलसिला है। मगर विडंबना देखिए, इस ‘Hayat’ के नाम पर ही आज दुनिया में सबसे ज़्यादा भेदभाव हो रहा है। इस लेख में हम बात करेंगे उन विभिन्न रूपों की जिनमें इंसानों ने ‘ज़िंदगी’ को ही एक पैमाना बना दिया है भेदभाव का — कभी रंग के आधार पर, कभी जाति के नाम पर, कभी धर्म के नाम पर और कभी एक औरत की कोख में पल रही ‘Hayat’ के नाम पर। --- 1. जन्म से पहले ही Hayat पर सवाल क्या यह अजीब नहीं कि एक बच्ची की 'Hayat' उस वक़्त ही खतरे में पड़ जाती है जब वो गर्भ में होती है? भ्रूण हत्या एक ऐसा अपराध है जो सबसे पहला भेदभाव दर्शाता है — एक लड़की की ज़िंदगी को जन्म लेने से पहले ही रोक देना। यह भेदभाव सिर्फ कानून का नहीं, सोच का है। क्या Hayat सिर्फ लड़कों को जीने का हक़ देती है? क्या बेटियाँ सिर्फ 'बोझ' हैं? यह सोच ही सबसे बड़ा अन्याय है ज़िंदगी के साथ। --- 2. Hayat और रंगभेद "Fair is beautiful" — ये वाक्य न जाने कितने सपनों की हत्या कर चुका है। एक सांवली लड़की की ‘Hayat’ दूसरों की तरह सामान्य क्यों नहीं मानी जाती? क्यों उसे सुंदरता के मानकों में फिट होने के लिए Fairness क्रीम की ज़रूरत होती है? रंग के आधार पर किया गया भेदभाव इंसान के आत्मसम्मान को तोड़ देता है। Hayat जब खुदा की देन है, तो उसके रंग पर फैसले करने का हक़ किसे है? --- 3. Hayat और जाति का जाल भारत में जातिवाद एक ऐसा ज़हर है जो पीढ़ियों से Hayat को खोखला कर रहा है। कोई ब्राह्मण है तो कोई दलित, कोई ठाकुर है तो कोई पिछड़ा। मगर Hayat क्या इन तमगों से बंधी होती है? एक बच्चा जब जन्म लेता है, वह किसी जाति का नहीं होता। उसे समाज जाति देता है, और फिर उसी जाति के आधार पर उसे अवसर, सम्मान और हक़ से वंचित किया जाता है। क्या ये Hayat के साथ सबसे बड़ा मज़ाक नहीं? --- 4. Hayat और औरत — सबसे बड़ा अन्याय औरत की ज़िंदगी हमेशा "त्याग" और "समर्पण" के दायरे में क्यों सिमटी रही है? एक लड़की की Hayat उसके सपनों की नहीं, बल्कि दूसरों की उम्मीदों की क़ैद क्यों बन जाती है? उसे बताया जाता है कि शादी ही उसकी मंज़िल है। अगर वो शादी नहीं करती, तो लोग सवाल करते हैं — "क्यों? क्या कोई दिक्कत है?" अगर वो तलाक़ ले लेती है, तो उसकी Hayat पर दाग़ लगा दिया जाता है। मगर एक मर्द की ज़िंदगी पर ऐसे सवाल नहीं उठते। क्यों? क्या Hayat का मूल्य सिर्फ उसके लिंग से तय होता है? --- 5. Hayat और धर्म — रूह का सौदा धर्म एक आस्था है, आत्मा की आवाज़। लेकिन जब यही धर्म Hayat पर भारी पड़ जाए, तो सवाल उठना ज़रूरी हो जाता है। मजहब के नाम पर इंसानों को बांटा गया, मारा गया, जलाया गया। कोई मुसलमान है, कोई हिंदू, कोई सिख, कोई ईसाई। मगर क्या Hayat ने कभी खुद को किसी धर्म से जोड़ा? क्या सांसें कभी मस्जिद या मंदिर में बंटी जाती हैं?
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4 months ago
1 minute 15 seconds

Hayat
"बेग़ाना सा अपना "
पूजा ने बचपन से ही देखा था कि शादी किसी परी-कथा जैसी नहीं होती, खासकर तब जब लड़की को हर बार यह एहसास दिलाया जाए कि वह अपने ही घर में पराई है। उसकी माँ अक्सर कहती थीं— "बेटी, तेरा असली घर तेरा ससुराल होगा।" अगले दिन अखबारों की सुर्खियाँ थीं— "एक लड़की ने चार लड़कों को अकेले सबक सिखाया, बहादुरी की मिसाल!" सियासत की राह "लड़कियों के बस की बात नहीं है।" बाबा की जिद और राजनीति का खेल "अच्छी लड़की को राजनीति नहीं करनी चाहिए, घर संभालना चाहिए "मुझे अब किसी मर्द के नाम की जरूरत नहीं, क्योंकि मेरा नाम ही मेरी पहचान है!" वह अब भी याद करती थी अपनी वह दुआ— "या खुदा! मेरी शादी मत होने देना।" शायद अल्लाह ने उसकी सुनी थी, क्योंकि अब वह अकेली नहीं थी— पूरा शहर उसका परिवार था!
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8 months ago
4 minutes 40 seconds

Hayat
"धुंधला चेहरा"
रात के सन्नाटे में जब सारी दुनिया गहरी नींद में थी, तब अवनि की आँखें बेचैनी से बंद और खुल रही थीं। हर रात की तरह, आज भी वही सपना... वही धुंधला चेहरा... वही उलझन।
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8 months ago
5 minutes 39 seconds

Hayat
"इंतज़ार के उस पार "
"इंतज़ार के उस पार "नायरा, तुम मुझे नहीं जानती, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा से जानता हूँ। हम मिले तो कभी नहीं, लेकिन हमारी रूहें कहीं न कहीं जुड़ी हैं। मैं तुम्हें ढूँढ़ रहा हूँ... और तुम भी शायद मुझे। अगर ये ख़त तुम्हारे हाथों में आया है, तो समझो कि हमारी कहानियों का वक्त आने वाला है।
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8 months ago
3 minutes 13 seconds

Hayat
✨ तू बस "Hayat" है, जो हर हाल में हसीं है... ✨
exploring my self
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8 months ago
1 minute 57 seconds

Hayat
Nazariya
Kuch nhi bdalta
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4 years ago
1 minute 18 seconds

Hayat
Chabi
Bahot mushkil hai us zindagi ko jeena ....
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4 years ago
55 seconds

Hayat
Aadat
Tumhri bhi chut jayegi uski bhi chut jayegi
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5 years ago
2 minutes 6 seconds

Hayat
Yourself
Khud se baten karo yaar
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5 years ago
1 minute 43 seconds

Hayat
Sapne
Han me khoooni hu....
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5 years ago
2 minutes 22 seconds

Hayat
Kissa ghar ghar ka
Yee hmari kahani h
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5 years ago
2 minutes 34 seconds

Hayat
Zid
Aade rho
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5 years ago
1 minute 18 seconds

Hayat
Hayat (Trailer)
5 years ago
20 seconds

Hayat
Hayat
Kuch log hote h jo zindagi ko samjha kr chale jaate h
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5 years ago
1 minute 28 seconds

Hayat
Zindagi se zindagi bhar ki baate