
In this episode of Exploring Life, we reflect on the essence of true devotion and spiritual freedom through newly written verses from February 10, 2025. Discover why real faith is about surrendering to the divine rather than trying to control it.
Key Takeaways:
✨ The secret to ultimate spiritual freedom
✨ Why true devotees never seek to control God
✨ The power of surrender and chanting the divine name
✨ The only prayer we truly need in life
Join us as we uncover profound wisdom that blends spirituality, self-reflection, and inner peace.
Chaupais Explored:
परम स्वतंत्र भयहिं जस एहू।
एक उपाय कहौं मैं तेहू।।
जेहि इष्ट देव सुमिरहु भाई।
कबहुँ न ताहि वश करि जाई।।
मंत्रन बल देवहि बस करई।
भक्त हित प्रभु आपहि धरई।।
सच्चा भगत न चाहै कबहूँ।
बस करै देव, पतन करहूँ।।
जो नर प्रभु पर छोड़ै भारू।
सदा जपे हरि नाम अपारू।।
भगवत चरण सरन गहि रहई।
सुख संपत्ति मोहि दीजै कहई।।
जो कछु हित मोर कहहु रघुनाथा।
सोइ करहु कृपा केहिं विधि साथा।।
नाहिं और कछु माँगब तोही।
तेहि सुख राखहु जेहि विधि मोही।।
अर्थ (हिंदी में):
परम स्वतंत्रता पाने का एक उत्तम उपाय यह है कि जिस भी ईश्वर या देवता की हम उपासना करते हैं,
उन्हें कभी भी अपने अधीन करने का प्रयास न करें।
मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि वे देवताओं को भी वश में कर सकते हैं,
परंतु सच्चा भक्त कभी भी प्रभु को अपने अधीन नहीं करना चाहेगा और न ही करना चाहिए।
जो व्यक्ति भगवान के चरणों का आश्रय लेकर,
हरि-नाम का जाप करता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
हमें प्रभु से बस यही प्रार्थना करनी चाहिए,
कि हे प्रभु! जो मेरे लिए हितकर हो, वही कृपा करें।
इसके अलावा कुछ भी नहीं माँगना चाहिए,
क्योंकि भगवान स्वयं जानते हैं कि हमारे लिए क्या उचित है।