प्रलय का आरम्भ होने जा रहा है, युग परिवर्तन दूर नहीं है और इस बार आपका ईश्वर भी आपको बचा नहीं पाएगा
अनंत अंधकार ही परम सत्य हैं,
लगाव ही पीड़ा हैं, करुणा ही क्रूरता
और अंत ही प्रारम्भ.
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प्रलय का आरम्भ होने जा रहा है, युग परिवर्तन दूर नहीं है और इस बार आपका ईश्वर भी आपको बचा नहीं पाएगा
अनंत अंधकार ही परम सत्य हैं,
लगाव ही पीड़ा हैं, करुणा ही क्रूरता
और अंत ही प्रारम्भ.
आदि काल में तीन महा असुरों ने अपनी तपस्या और सिद्धियों से तिन उड़ते हुए नगरों की रचना की जो अकेले तोडे नहीं जा सकते थे उनके सामर्थ्य से जल उठे देवता
विष्णु के पास गए, लेकिन जब तक असुर वेदो का पालन कर रहे थे , तब तक उन्हें हराना नामुमकिन था विष्णु ने छल करके उनसे पाप करवाएं। और शिव ने एक ही तीर से तीनों नगरों का विनाश किया। मृत्यु के समय असुरों की पीड़ा देख कर शिव को भी अपनी गलती का एहसास हुआ था। उनकी आंख से निकले आंसू ने बीज का आकार लिया
जिसे रुद्राक्ष के नाम से जाना गया
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प्रलय का आरम्भ होने जा रहा है, युग परिवर्तन दूर नहीं है और इस बार आपका ईश्वर भी आपको बचा नहीं पाएगा
अनंत अंधकार ही परम सत्य हैं,
लगाव ही पीड़ा हैं, करुणा ही क्रूरता
और अंत ही प्रारम्भ.