
खुशियां हम कहीं बाहर ढूंढने का प्रयास करते रहते हैं जबकी असल में हमारी खुशियां हमारे अंदर ही छुपी हुई होतीं हैं। अगर हम खुद को ही टटोलें, अपने अंदर झांकें और अपने मन में ही खोजने का प्रयास करें तो हम पाएंगे कि हमारी खुशियां और उनसे जुड़े संकेत हमारे मन के किसी कोने वाली अलमारी में इस इंतज़ार में बैठें हैं कि कब हम उन्हें पा सकें और जी सकें।
चलिए इस “AttrAct podcast” के हिंदी एपिसोड्स के ज़रिये आपको ले चलूंगी आपकी ही खुशियों की खोज में....