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वेद
Ved Mishra
10 episodes
3 hours ago
हिन्दी भाषा की पढ़ाई लिखाई
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किसी खिड़की से कोई झाँकता है!
वेद
2 minutes 15 seconds
1 year ago
किसी खिड़की से कोई झाँकता है!
किसी खिड़की से कोई झाँकता है .. कोई चार तल्ले से डाकता है .. अरे ..sss प्लुत स्वर दूर तक.. ये घंटी बजी .. प्रार्थना की .. बाबूजी के स्वर में वह शक्ति हमें दो दयानिधे .. फिर हम दोहराते हैं । ये आए राय सर..क्यों बालक !! ये आए पी टी सर .. मिसिर के लइका ! हेतना दूबर? खा ले ना का रे बबुआ । ये आर के एस सर .. ..ई लोग तो तैल बेचेगा.. तुम क्या करोगे मिसिर .. अरे मिसिर को बैठने दो ठीक से .. ... ... आगे के बेन्च की ठेला ठेली से ऊबे तीन चार दोस्त .. रिंकू ,वेद,पंकज,अनिल पिछली बेन्च पर दिखायी देते हैं । एस के राय सर .. काहो मिसिर जी पीछे काहें ..।? अनगिन दृश्य .. अनगिन पाठ.. ..हैपी प्रिन्स के लिए चिन्ता रैबिट्स प्रिस्क्रिप्शन पर खुशी। .. ..आह धरती कितना देती है पर विस्मय ..अहा कितना कुछ .. और हेडसर का बदमाशों को लाइन पर लाने का मूलमंत्र .. तुम तो अच्छा लड़का है!! और बुरा लड़का कन्फ्यूज्ड ! सच में ? बरसातों में भींगते आने जाने के दिन राह चलते प्रश्नों और उत्तरों को दुहराने के दिन ... ..... ...और फिर दूर होकर परदेसी बन जाने के दिन। स्वीकार करो हे गुरुकुल हमारा कृतज्ञ नमन । हम उऋण होंगे भी तो कैसे ..? तुम्हारी हर एक स्मृति को नमन! परीक्षाओं, चिन्ताओं ..मित्रवत ईर्ष्याओं को नमन !! हँसी,रुदन, ..आह्लाद ....विस्मय,खेद उल्लास ... सबको .. स्मृति के गलियारे से झाँकते हर चेहरे को नमन!!! नमन डीएवी । .. Kamlesh Kumar Wadhwani Anil Bajaj Ajay Pandey Ajay Pandey Ajay Pandit और..वे सारे... जो... खिड़की से न दिखते हों...लेकिन जिनकी आवाजें सुनाई देती हैं..... रे.... वेद..!..👤
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