Home
Categories
EXPLORE
True Crime
Comedy
Business
Society & Culture
Health & Fitness
Sports
Technology
About Us
Contact Us
Copyright
© 2024 PodJoint
00:00 / 00:00
Podjoint Logo
US
Sign in

or

Don't have an account?
Sign up
Forgot password
https://is1-ssl.mzstatic.com/image/thumb/Podcasts125/v4/5f/ca/80/5fca80f1-2be0-4d32-d137-5a3e312b0f33/mza_1724017190983275235.jpg/600x600bb.jpg
सत्संग माधुरी
Niraj Kumar 'Pathak'
7 episodes
5 days ago
यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।
Show more...
Spirituality
Religion & Spirituality
RSS
All content for सत्संग माधुरी is the property of Niraj Kumar 'Pathak' and is served directly from their servers with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।
Show more...
Spirituality
Religion & Spirituality
https://d3t3ozftmdmh3i.cloudfront.net/production/podcast_uploaded_episode/2272701/2272701-1568100844278-6bfd60974ab06.jpg
दोहा 04: अगर न जा पाओ, काशी, मथुरा, अगर न कर पाओ गंग-स्नान। संत-प्रयाग सर्व-सुलभ है, डुबकी मार, हो कल्याण।
सत्संग माधुरी
2 minutes 53 seconds
6 years ago
दोहा 04: अगर न जा पाओ, काशी, मथुरा, अगर न कर पाओ गंग-स्नान। संत-प्रयाग सर्व-सुलभ है, डुबकी मार, हो कल्याण।

आइए जानते है कि गंगा स्नान या तीर्थ भ्रमण करने से कैसे लाभ हो सकता है।

सत्संग माधुरी
यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।