यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।
All content for सत्संग माधुरी is the property of Niraj Kumar 'Pathak' and is served directly from their servers
with no modification, redirects, or rehosting. The podcast is not affiliated with or endorsed by Podjoint in any way.
यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।
दोहा 03: पारसपर्श लौह कुन्दन बनें, शोभा तन निखार। दुर्जन सत्संग सज्जन बनें, सेवा समाज सुधार।।
सत्संग माधुरी
4 minutes 15 seconds
6 years ago
दोहा 03: पारसपर्श लौह कुन्दन बनें, शोभा तन निखार। दुर्जन सत्संग सज्जन बनें, सेवा समाज सुधार।।
इस दोहे के माध्यम से समाज में फैले बुराईयों पर प्रकाश डालेगें साथ ही इसके कारण एवं निवारण पर चर्चा करेगें, कैसे इस समाज का कल्याण संभव है?
सत्संग माधुरी
यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।