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सत्संग माधुरी
Niraj Kumar 'Pathak'
7 episodes
19 hours ago
यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।
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यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।
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दोहा 01:- सेवा करनी हर-हाल में, माया कि या राम। माया सेवा नरक मिलें, राम सेवा निज धाम।।
सत्संग माधुरी
4 minutes 28 seconds
6 years ago
दोहा 01:- सेवा करनी हर-हाल में, माया कि या राम। माया सेवा नरक मिलें, राम सेवा निज धाम।।

इस संसार में सेवा, प्रत्येक प्राणी का नैसर्गिक धर्म है। हम सब जाने-अनजाने कहीं न कहीं, सेवा में लगे हुए है। चाहे हम सेवा प्रेम से करें या द्वेष से, सेवा तो हमें करनी ही होगी, न चाहते हुए भी। अगर हमें सेवा करनी ही है तो क्यों उसे ईश्वर के निमित्त की जाए। इस दोहे के माध्यम से यह जानने की कोशिश करते हैं।


सत्संग माधुरी
यह सत्संग माधुरी श्रृंखला, कई दोहो क संग्रह है। इन दोहों को मैंने स्वयं के अनुभव, गुरूजनों के उपदेश तथा शास्त्र के आधार पर संकलित किया है। इसमें अध्यात्मक के विषयों को दोहों के माध्यम से आसान बनाकर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। इसके लिखने तथा वाचन का प्रमुख उद्येश्य स्वयं का आध्यात्मिक उत्थान, जन-कल्याण और ईश्वर सेवा की भावना निहित है। आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा।