आज़ादी और बँटवारे के 75 साल, दोनों देशों ने बहुत कुछ झेला. साझा इतिहास के बावजूद जिसकी ज़्यादा ज़रूरत है वही सबसे कम है आपसी संवाद. सीमा पार दो नामी-गिरामी शख़्सियतों के अनुभव.
आज़ादी और बँटवारे के 75 साल, दोनों देशों ने बहुत कुछ झेला. साझा इतिहास के बावजूद जिसकी ज़्यादा ज़रूरत है वही सबसे कम है आपसी संवाद. सीमा पार दो नामी-गिरामी शख़्सियतों के अनुभव.
सुनिए भारतीय राइटर अनामिका और पाकिस्तानी राइटर किश्वर नाहीद की बातचीत.