यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
पहली कहानी ह
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यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
पहली कहानी ह
हर हर महादेव, सभी के उतम स्वस्थ्य की कामना के साथ महादेव की राजधानी काशी के पशुपतिनाथ शिवलिंग की कहानी आपके लिए। यह पशुपतिनाथ मंदिर तो नेपाल में है यही सोच रहे ना। सच है उसी का प्रतिरूप राजा साहा ने 1800 से 1843 के बीच जब वो काशी धाम आए और उन्हें वेद स्मृतियों से ज्ञान हुआ कि काशी में शिवलिंग की स्थापना से मनोकामना सिद्ध होती है। राजा के मन में शिव जी को कुछ अर्पित करने की इच्छा हुई। राजा ने सोचा जिसका सारा जग है उसे मैं क्या दूँ। उन्होंने नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर को यहां स्थापित करने का निर्णय लिया। फिर क्या हुआ यह जानने के लिए सुनिए पशुपतिनाथ के निर्माण की कहानी। नेपाली मंदिर कहा हैं क्या है। काठ वाला मंदिर कहा है काशी में ऐसे बहुत से प्रश्नो का उत्तर आपको मिलेगा। इस एपिसोड में बहुत से अन्य विग्रहों और मंदिरों का जिक्र है उनके location के साथ। उसे भी सुनिए। काशी नगर की डगर नहीं है आसान दंडपाणि जी का दंड कर्ता है हर प्रवासी का परीक्षण। भैरव देते है काल से मुक्ति लेकिन करनी पड़ती है उनकी भक्ति। शिव बाबा के भक्तों का घर गिरजा माँ का अपना लोक यही आनंद वन है जहां असीम आनंद और जीवन रस है। तभी तो आम लोग इसे कहते बनारस हैं।
कल थी काशी, आज है बनारस
यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
पहली कहानी ह