यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
पहली कहानी ह
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यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा जब प्रकट हुए दत्तात्रेय, जन्म और जीवन की अनोखी घटना-1
कल थी काशी, आज है बनारस
19 minutes 56 seconds
2 years ago
मार्गशीर्ष पूर्णिमा जब प्रकट हुए दत्तात्रेय, जन्म और जीवन की अनोखी घटना-1
नमस्कार, प्रणाम, नमस्ते इंडिया and इंडियन भाई बहनों। वसुधैव कुटुंबकम भारत की परम्परा है यानी विश्व परिवार है। इसलिए सभी श्रोताओं को नमस्कार, हर हर महादेव। आज का दिन काफी खास है आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा है यह नाथ सम्प्रदाय या सनातन धर्म के महान गुरु दत्तात्रेय का जयंती का दिन है। गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि मास में वो मार्गशीर्ष का महीना हैं, और दत्तात्रेय भी उनके ही यानी नारायण के अवतार कहे जाते हैं। दत्तात्रेय के जन्म के समय उनकी मां को किस परिक्षा का सामना करना पड़ा और कैसे इनका जन्म तीन प्रमुख सनातन देवो से हुआ। यही कहानी आप सुनेंगे इस एपिसोड में। आगे जब दत्तात्रेय बड़े हुए तब क्या कुछ घटा कैसे वो शिष्य बनते बनाते काशी आए। यहां क्या किया काशी में। हर आत्मज्ञानी काशी में ही क्यों आता है यही से फिर उसकी यात्रा समाप्त हो जाती है या फिर वो धर्म मार्ग पर आगे बढ़ता है। सब कुछ जानने के लिए सुनिए बनारसी सिंह का पॉडकास्ट कल थी काशी आज है बनारस। आप के पास कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे और मेरे पास उत्तर हुआ तो जरूर जबाव दूंगी। पॉडकास्ट को प्यार मिल रहा सबका। शेयर जरूर करे। अपने धर्म, भूमि और विभूतियों के बारे में जानना हमारा कर्तव्य और अधिकार भी है। जानिए सीखिए और साझा भी कीजिए ताकि किसी जरूरतमंद तक, किसी जिज्ञासु तक यह जानकारी और कहानी पहुंचे। हर इंसान जिज्ञासु होता है, मेरा मतलब उसने ज्ञान और जानकारी की इच्छा होती ही है। इन mahavibhutiyon के जीवन उपदेश से जोड़ कर आप तक काशी के महात्व को पहुंचना ही मेरा कर्म है। जो ईश्वर की कृपा से मुझे मिला है। सुनिए और सुनाईये... कहानी आगे badhati रहे.. बस बाकी सब महादेव देख लेंगे. Har Har mahadev. नमस्ते. आपके लिए जल्द ही laungi और rochak कहानी. तब तक के लिये राम राम.
कल थी काशी, आज है बनारस
यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
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