यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
पहली कहानी ह
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यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
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केदारनाथ मंदिर - काशी में भगवान केदारनाथ के प्रकट होने की घटना
कल थी काशी, आज है बनारस
15 minutes 26 seconds
3 years ago
केदारनाथ मंदिर - काशी में भगवान केदारनाथ के प्रकट होने की घटना
नमस्ते Hello कैसे हैं? सभी स्वस्थ और मजे में होंगे भोले बाबा के प्रभाव से। आज 30 अप्रैल को काशी के रहस्य में एक और मोती की कहानी। दशाअश्वमेघ का कालांतर में बदला नाम dashsamedh घाट जो विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के लिए जाना जाता है। उसके बगल में केदार घाट है। घाट की ओर सीढियों से जाओ तो आपको यह केदार ईश्वर मंदिर दिखेगा जहां मंदिर के सामने गौरी कुंड है। यहां मंदिर में जो शिव विग्रह है वो आपको थाली में सजी खिचड़ी जैसा लगता है। क्युकी खिचड़ी में ही गौरी और भगवान केदार प्रकट हुए थे। क्यों और कैसे क्या मान्यता है। क्यों हिमालय के केदारनाथ यहां काशी में स्वयंभू हुए। सब कुछ जानने के लिए सुनिए पॉडकास्ट। कल थी काशी आज है बनारस। सुनते रहिये और खोजते रहिये अपने भीतर उस काशी को जो प्रकाश रूप भगवान शिव की नगरी है। जिसे गंगा पावन करती हैं। जो mahashamshan है। जहा जीवन में रस है और मृत्यु में मुक्ति है। बस शिव नाम लेना है। शिवमय तो सारी दुनिया है फिर काशी में ही शिव का वास है क्यों ऐसे प्रश्न आने दें मन में जिज्ञासा से ही ज्ञान की खोज होती है। यह आपके भीतर है जिसे विज्ञान कहते हैं। जो खोजता है उसे जिससे बिछुड़ गया है। उसी शिवोहम के लिए सभी का जीवन है। केदारनाथ में इतनी चढाई के बाद बाबा के दर्शन होते है। जो काशी में आए और किसके लिए आए। क्यों प्रिय है केदार ईश्वर को खिचड़ी। जानने के लिए stay tune with बनारसी सिंह पॉडकास्ट। अभी तो 1000 कहानियां सुनाना है।
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यह पाडकाॅस्ट उन कहानियों और घटनाओं के बारे में आपको बताएगा जिसे आपने कभी सुना नहीं और अगर सुना है तो ऐसे नहीं जैसे बनारसी सिंह सुनाने जा रही. बनारस मेरी जन्म भूमि है. महादेव मेरे आराध्य. इसलिए बनारस की कहानियाँ और बातें मेरे लिए प्रार्थना के समान है. यकीन मानिए ये कहानियाँ आपकी जिंदगी बदल सकती हैं. क्योंकि बनारस पर बाबा का आशीर्वाद है. माता अन्नपूर्णा की करुणा है. यहाँ कोई भूखा नहीं सोता. यहाँ हर कण में शिव हैं. हर हर महादेव. इस यात्रा में आप सब भी जुड़े और कुछ आनंद प्राप्त कर सकें, यही मेरी अभिलाषा है. आइये और सुनिए हमारे शहर बनारस को एक बनारसी की जुबानी.... चली कहानी..
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